Digital Congress: कांग्रेस के भोपाल स्थित राजभवन के घेराव में शामिल होने वाले नेताओं का कांग्रेस (Congress) डाटा कवर कर रही है. जिससे पता चल सके कि कौन-सा नेता या कार्यकर्ता भोपाल (Bhopal) घेराव में शामिल होने आया है और कौन नहीं आया है. कई नेता फोटो-वीडियो मीडिया में छपवाकर प्रदर्शन में शामिल नहीं होते थे जिसके लिए यह डिजिटल (Digital) निर्णय लिया गया है.
मध्यप्रदेश में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने है जिसे लेकर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार को घेरने की कवायद शुरू कर दी है. उसी कड़ी में सोमवार को केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ (Kamalnath) के नेतृत्व में भोपाल में जवाहर चौक से रैली के रूप मे राजभवन का घेराव किया जा रहा हैं.
8 दिनों से चल रही थीं घेराव की तैयारियां
पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में यह प्रदर्शन कांग्रेस कार्यकर्ताओं के माध्यम से सबसे बड़ा ऐतिहासिक राजभवन घेराव का साबित हो, इसके लिए तैयारियों का सिलसिला पिछले आठ दिन से जारी है. इसके लिए तरह-तरह से कार्यकर्ताओं को अधिक से अधिक संख्या में भोपाल प्रदर्शन में पहुंचने के लिए जवाबदारी भी दी गई है. भोपाल में किए जाने वाले घेराव को लेकर इंदौर में कुछ दिन पूर्व गांधी भवन में एक बैठक आयोजित की गई थी. जिसमें अनेक विधानसभा दावेदारों और अन्य नेताओं ने अनेक वाहनों सहित भोपाल पहुंचने के दावे किए थे.
PCC के ईमेल-व्हाट्सएप पर वीडियो अपलोड करेंगे कांग्रेसी
वहीं यह बात भी सामने आई थी कि कुछ ही नेता भोपाल कांग्रेस के साथियों सहित पहुंचते हैं. अधिकतर कांग्रेस नेता सिर्फ दिखावा करने के बाद भोपाल कार्यक्रम स्थल पर नहीं पहुंचते. पीसीसी ने इस बात को गंभीरता से लेकर दावों की सत्यता को परखने के लिए यह निर्देश जारी किए हैं कि समस्त विधानसभाओं के दावेदार अपने साथ आने वाले वाहनों की डिटेल और कार्यकर्ताओं की वीडियो पीसीसी के ईमेल और व्हाट्सएप नम्बर पर अपलोड करेंगे.
वहीं प्रदेश कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव ने एक कदम आगे बढ़कर इंदौर से भोपाल जाने वाले मार्ग पर दोनों टोल नाकों बायपास और सिटी रोड मांगल्या में सुबह से ही डिजिटल कैमरें लगवाए और नॉन स्टॉप विडियो रिकॉर्डिंग भी करवाई है. जिससे पता चल सके कोन नेता कार्यकर्ता आया है और अपने साथ कितना काफिला लेकर भोपाल पहुंच रहा है.
डिजिटल माध्यम से होगा मेहनत-लगन का आंकलन
प्रदेश कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव ने बताया कि यह सारी व्यवस्था कांग्रेस के जिम्मेदार नेताओं के कार्यों और कर्मठता को पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ को बताने के लिए की गई है. इससे कांग्रेस के नेताओं की मेहनत और कांग्रेस के प्रति लगन का मूल्यांकन पीसीसी अध्यक्ष खुद ही कर पाएंगे. इंदौर से भोपाल प्रदर्शन में उपस्थित नेताओं, कार्यकर्ताओं और वाहनों की जानकारी पीसीसी अध्यक्ष को डिजिटल रूप में प्रदान की जाएगी. जिससे पीसीसी अध्यक्ष वास्तविक जानकारी से अवगत हो पाएंगे.
कमलनाथ ने बनाए 7 पदाधिकारी
शहर कांग्रेस में लगभग 1200 से ज़्यादा पदाधिकारी थे. लेकिन कांग्रेस के कार्यक्रमों में मात्र डेढ़ सौ से दो सौ ही पदाधिकारी नजर आते रहे हैं. इसी तरह नई पीसीसी में इंदौर से सात पदाधिकारी पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने बनाए हैं. भोपाल के प्रदर्शन में यह पीसीसी पदाधिकारी कितने वाहनों के साथ भोपाल पहुंचे यह भी डिजिटल कैमरों के जरिए स्पष्ट हो जाएगा. विधानसभा चुनाव लड़ने वाले दावेदारों की दावेदारी में कितना दम हैं इसका मूल्यांकन भी इन डिजिटल कैमरों के माध्यम से हो जाएगा.
डिजिटल हो गई है कांग्रेस!
गौरतलब है की सूचना और तकनीकी के जमाने में कांग्रेस आज बीजेपी से एक कदम आगे होकर सोच रही है. विधानसभा चुनाव के पहले अब कांग्रेस की मॉनिटरिंग डिजिटल हो गई हैं. देखना होगा कि अब जब कांग्रेस में नए दौर का प्रारंभ धीरे-धीरे होने लगा हैं तो इसका आगे उसे फायदा मिलेगा या नहीं. फिलहाल प्रदेश में इस तरह की डिजिटल मॉनिटरिंग की चर्चा हैं. अनेक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इस कदम की तारीफ भी कर रहे हैं.
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