MP Politics News: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए एक साल से भी कम वक्त बचा है. यहां मुख्य मुकाबला अभी भी बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही है. फिलहाल, दोनों ही पार्टियां चुनावी मोड में आ चुकी हैं. इनके नेता जनता के बीच चुनावी मुद्दे और वायदे उछालने में जुट गए है. कांग्रेस की ओर से मोर्चा पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संभाला है. साथ ही वे अपनी पुरानी योजनाओं के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने की जुगत लगा रहे हैं.
अभी तक मिल रहे संकेतों से समझा जा सकता है कि कमलनाथ अपनी 2018 की लोक लुभावन नीतियों पर ही अगले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का घोषणा पत्र बनाएंगे. राज्य के बड़े मतदाता वर्ग को लुभाने के हिसाब से कमलनाथ हर रोज सोशल मीडिया पर कांग्रेस सरकार की पुरानी योजनाओं की बहाली की घोषणा कर रहे हैं. इन योजनाओं को 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक माना गया था, जिनके दम पर उसने 15 साल बाद मध्य प्रदेश की सत्ता में वापसी की थी.
100 यूनिट बिजली पर 100 रुपये
राजनीतिक जानकार कहते हैं कि 2018 में सत्ता परिवर्तन में कांग्रेस की किसान कर्ज माफी योजना ने सबसे अहम भूमिका निभाई थी. कांग्रेस सरकार ने किसानों के दो लाख तक के कर्ज माफ कर दिए थे. कमलनाथ ने फिर घोषणा की है कि, "शिवराज सरकार द्वारा बंद की गई किसान कर्ज माफी की योजना मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही फिर शुरू की जाएगी." इसके बाद 100 यूनिट तक के बिजली के बिल के लिए सिर्फ 100 रुपये फिक्स चार्ज ने समाज के कमजोर वर्ग में कांग्रेस की पकड़ फिर मजबूत की थी.
जमीनी स्तर से शिवराज सरकार के पास यह फीडबैक भी है कि कमलनाथ सरकार की इस योजना को बंद करने से अच्छा संदेश नहीं गया है. इसी को ध्यान में रखते हुए कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा है कि, "शिवराज सरकार द्वारा बंद की गई 100 रूपये में 100 यूनिट बिजली देने वाली योजना को मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही फिर बहाल किया जाएगा."
पुरानी पेंशन फिर से शुरू होगी
साल 2003 के पहले वाली पेंशन स्कीम कर्मचारियों के बीच इस वक्त बेहद गरम मुद्दा है. राजस्थान और छत्तीसगढ़ की कांग्रेसी सरकारों ने पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने की घोषणा कर दी है, लेकिन बीजेपी शासित राज्यों में इसको लेकर अभी उहापोह की स्थिति है. कमलनाथ ने यही दांव मध्य प्रदेश में चला है. उन्होंने घोषणा की है कि, "शिवराज सरकार द्वारा बंद की गई सरकारी कर्मचारियों की पेंशन को मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही फिर बहाल किया जाएगा."
आजकल देश की हिंदी पट्टी वाले राज्यों में गाय और गौशाला भी बड़ा राजनीतिक और चुनावी मुद्दा बना है. तभी कमलनाथ ने कहा है कि,"शिवराज सरकार द्वारा बंद की गई प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौशाला निर्माण की योजना को मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही फिर बहाल किया जाएगा."
पुलिस कर्मियों को मिलेगा फिर से साप्ताहिक अवकाश
पुलिस वालों को लुभाने के लिए कमलनाथ सरकार ने 2018 में उन्हें साप्ताहिक अवकाश देना शुरू किया था. 2020 में सत्ता परिवर्तन के बाद पुलिस के लिए यह सुविधा बंद हो गई. अब कमलनाथ ने दोहराया है कि,"शिवराज सरकार द्वारा बंद की गई पुलिस की साप्ताहिक अवकाश योजना को मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही फिर बहाल किया जाएगा."
कहा जा रहा है कि अगले कई दिनों तक पीसीसी चीफ कमलनाथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म और अपने कार्यक्रमों में इसी तरह अपने चुनावी घोषणा पत्र के एक-एक वायदे की याद जनता को दिलाते रहेंगे. इससे उन्हें इन योजनाओं के लेकर फिलहाल जनता के बीच क्या प्रभाव है? इसका फीडबैक भी मिल जाएगा और उसमें उसी अनुरूप संसोधन करने के लिए वक्त भी मिलेगा.