MP Election 2023: मध्य प्रदेश में एक हफ्ते के भीतर गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो बड़े राजनीतिक कार्यक्रमों पर कुदरत का ग्रहण लग गया.मौसम की बेरुखी ने बालाघाट में गृह मंत्री अमित शाह और शहडोल में पीएम मोदी के चौपर को नहीं उतरने दिया.इससे इसी साल के अंत में होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के डबल इंजन सरकार के अभियान को धक्का लगा है.पार्टी के दोनों दिग्गज नेताओं के कार्यक्रम से 30 विधानसभा सीटों का गणित जुड़ा हुआ था. 


राजनीतिक जानकार कहते हैं कि मध्य प्रदेश की इन 30 विधानसभा सीटों का बीजेपी के लिए क्या महत्व है, यह इस बात से पता चलता है कि 27 जून को शहडोल में स्थगित प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम 1 जुलाई को फिर तय कर लिया गया है.इसके पहले गृह मंत्री अमित शाह बालाघाट में 22 जून को चुनावी पैटर्न का रोड शो करने के अलावा पार्टी की गौरव यात्रा का भी श्रीगणेश करने वाले थे,जो 30 विधानसभा सीटों का भ्रमण करते हुए 27 जून को शहडोल पहुंचने वाली थी.लेकिन मौसम खराब होने कारण गृह मंत्री अमित शाह का हेलीकॉप्टर छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से उड़ान नहीं भर सका और अंत में उनका बालाघाट का कार्यक्रम कैंसिल करना पड़ा. 


यहां बताते चलें कि गृह मंत्री अमित शाह की अनुपस्थिति में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 22 जून को गौरव यात्रा को बालाघाट से रवाना किया.इन्ही 30 सीटों के चुनावी गणित के हिसाब से वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस (24 जून) पर 22 जून से 27 जून तक 6 गौरव यात्रा निकाली गई.आज मंगलवार 27 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शहडोल दौरे के दौरान इन गौरव यात्राओं का समापन होना था.एक बार फिर इंद्रदेव बीजेपी से नाराज दिखे और पिछले 48 घंटों से मध्यप्रदेश में लगातार हो रही वर्षा के कारण पीएम मोदी का शहडोल दौरा रद्द करना पड़ गया. 


आदिवासी गौरव पुनर्स्थापना के संदेश के साथ यह यात्रा जिन 30 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरी,उनमें 2018 के विधानसभा चुनाव के लिहाज से 19 स्थानों पर बीजेपी का कब्जा है.यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय और राज्य नेतृत्व ने आनन-फानन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शहडोल का कार्यक्रम 1 जुलाई को फिर से तय कर लिया. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी रजामंदी दे दी है. 


अब बात करते हैं,गौरव यात्रा को कवर करने वाली 30 विधानसभा सीटों की.बालाघाट जहां से इस यात्रा का शुभारंभ हुआ,वो सीट बीजेपी के पास है.इसके अलावा जबेरा,जबलपुर केंट, मंडला, अनूपपुर, ब्योहारी, जयसिंह नगर, अजयगढ़ (पन्ना),पवई, विजयराघवगढ़, धौहनी, उमरिया (बांधवगढ़), मानपुर, जबेरा, मझौली, सिहोरा, केवलारी, सिवनी सीटें भाजपा के पास हैं.शहडोल में
जिस स्थान पर यात्रा का समापन हुआ,वहां की जयसिंहनगर सीट भी भाजपा के पास ही है. 


वहीं,कांग्रेस के पास बालाघाट जिले की बैहर सहित निवास, शहपुरा, डिंडौरी, बड़वारा, बरगी, छिंदवाड़ा, चौरई, लखनादौन, कोतमा तथा पुष्पराजगढ़ की सीट हैं.अब भाजपा की निगाह अपनी 19 के साथ इन 11 सीटों पर भी है,जो 2018 में उसके हाथ नहीं आ सकी थी. 


दैनिक भास्कर जबलपुर के स्थानीय संपादक मनीष गुप्ता कहते है कि 2023 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी हर हाल में आदिवासी सीटों पर अपनी पैठ बढ़ाना चाहती है. फिलहाल महाकौशल की 38 में से बीजेपी के पास सिर्फ 13 सीटें ही हैं, जबकि कांग्रेस 2018 में इनमें से 24 सीटें जीतने में कामयाब हो गई थी.अब बीजेपी की असल चिंता महाकौशल में बढ़त लेने की है. इसी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक जुलाई को शहडोल आ रहे है.


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