Priyanka Gandhi News: मध्य प्रदेश में चुनावी अभियान का ब्लूप्रिंट कांग्रेस ने तैयार कर लिया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने राजनैतिक मामलों की उच्चस्तरीय बैठक की. इस बैठक में खासतौर पर बड़े नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के प्रदेश भर में होने वाली जनसभाओं पर चर्चा की गई. प्रियंका गांधी 22 जुलाई को ग्वालियर में एक बड़ी आमसभा को संबोधित करने जा रही हैं जहां उनके निशाने पर बीजेपी होगी.


मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने अपनी तैयारियों को धार देनी शुरू कर दी है. कांग्रेस की तैयारियों से जानकारों को लगता है कि इस बार राज्य की सत्ता पर कांग्रेस वापसी करने वाली है. राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने अब मध्य प्रदेश में मोर्चा संभाल लिया है. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी जबलपुर से कांग्रेस के चुनावी अभियान का आगाज कर चुकी है.


ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर पहुंचेंगी प्रियंका


अब वो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर आने वाली हैं. प्रियंका के ग्वालियर दौरे की तारीख भी तय हो गई है. प्रियंका 22 जुलाई को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सभा करेंगे. प्रियंका यहां सभा करके पूरे ग्वालियर चंबल में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करेंगी.  


दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद ये पहला मौका होगा जब गांधी परिवार का कोई सदस्य ग्वालियर चंबल में बड़ी सभा करेगा ग्वालियर को सिंधिया का गढ़ कहा जाता है. अब इस गढ़ पर प्रियंका की नजर है. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को ग्वालियर चंबल में जबरदस्त सफलता मिली थी. लेकिन सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद यहां के सियासी समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं.


जबलपुर में प्रियंका ने सिंधिया पर साधा था निशाना


ऐसे में कांग्रेस प्रियंका गांधी के सहारे अपने वोट बैंक को मजबूत बनाए रखना चाहती है. ऐसे में पार्टी लगातार यहां फोकस बनाए हुए हैं. जब प्रियंका ने जबलपुर रैली की थी उस वक्त भी उन्होंने सिंधिया पर निशाना साधते हुए लोगों से अपील की थी कि इस बार गद्दारों को हराकर सबक सिखाए. वहीं सिंधिया के साथ गए उनके समर्थक कांग्रेस में वापसी कर रहे हैं. कई समर्थक कांग्रेस में लौट चुके हैं, वहीं कई विधायक कांग्रेस में जाने का मन बना रहे हैं. जिसकी वजह से सिंधिया बीजेपी में अकेले पड़ते नजर आ रहे हैं.  


आपको बता दें कि राहुल गांधी भी कह चुके हैं कि जो कांग्रेस को छोड़कर गए थे लेकिन आज भी कांग्रेस की विचारधारा में भरोसा करते हैं तो उनके लिए पार्टी के दरवाजे खुले हैं. वहीं कांग्रेस के कई नेता भी सिंधिया के साथ गए विधायकों की वापसी के दावे कर रहे हैं. लेकिन कांग्रेस ने सिंधिया के लिए अपने दरवाजे पूरी तरह से बंद कर दिया है.  


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