MP Election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के प्रचार में अब कुछ ही घंटे बचे हैं. इसी बीच कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) जैसे मुख्य दलों की चिंता निर्दलीय प्रत्याशियों ने बढ़ा रखी है. ऐसे में प्रदेश की बुरहानपुर (Burhanpur) जिले की आदिवासी बहुल नेपानगर विधानसभा सीट से ऐसे ही एक प्रत्याशी ने दोनों मुख्य दलों की नींद उड़ा रखी है. बता दें कि अपनी पुलिस की सरकारी नौकरी छोड़ इस आदिवासी प्रत्याशी ने समाज सेवा करने के लिए राजनीति को चुना है. 


दरअसल, 70 फीसदी आदिवासी मतदाताओं वाली नेपानगर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे आदिवासी समाज के बिलर सिंह जमरा सब इंस्पेक्टर के पद से त्यागपत्र देकर राजनीति में आए हैं. बिलर सिंह जमरा चुनाव प्रचार के आखिरी चरण में पैदल घूम-घूम कर चुनावी जनसंपर्क करते हुए मैदान में डटे हैं. बता दें कि नेपानगर विधानसभा सीट प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट मानी जाती है और ये सीट बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जाती रही है, क्योंकि इस सीट का इतिहास देखा जाए तो जिस पार्टी का यहां पर विधायक बनता है वही पार्टी प्रदेश में सरकार बनाती दिखती है. 


ग्रामीणों का मिला समर्थन
वहीं कुछ दिन पहले बिलर सिंह जमरा के समर्थन में रैली निकाली गई थी. इसमें ग्रामीणों ने दावा था किया कि क्षेत्र के सौ से ज्यादा गांवों के पटेल और सरपंच शामिल थे. इस दौरान आदिवासी समाज के अलग-अलग संगठनों ने एक स्वर में बिलर को जिताने का संकल्प लिया, फिर चाहे निर्दलीय ही चुनाव मैदान में क्यों न उतरना पड़े.


बिलर सिंह ने वर्तमान और पूर्व विधायकों पर आरोप लगाया कि उन्होंने क्षेत्र के आदिवासी समाज की हमेशा उपेक्षा की है. विधानसभा क्षेत्र में बेरोजगारी चरम पर है, लेकिन उन्होंने रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं कराए. शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए आज भी सुदूर अंचल के आदिवासी तरस रहे हैं. यही वजह है कि इस बार आदिवासी अपने बीच से शिक्षित और समाज के लिए समर्पित युवा को विधानसभा पहुंचाना चाहते हैं.



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