Madhya Pradesh Politics: भारतीय जनता पार्टी की फायर ब्रांड नेता व प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने एक बार फिर बीजेपी की टेंशन बढ़ाती नजर आ रही हैं. मध्यप्रदेश चुनाव से चंद महीने पहले पूर्व सीएम उमा भारती ने प्रदेश की राजनीति में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उछाल दिया है. पूर्व सीएम उमा भारती ने आज राजधानी भोपाल ओबीसी वर्ग के नेताओं की बड़ी बैठक का आयोजन किया. 


बैठक के दौरान पत्रकार वार्ता भी आयोजित की. पत्रकारों को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम उमा भारती ने कहा कि मध्यप्रदेश में 60 प्रतिशत ओबीसी समाज की आबादी है. सभी सामथ्र्य है, खेती करते हैं, व्यापार करते हैं, सर्विस में है, सभी सक्षम है, धनवान भी हैं. राज्य भी बहुत रहे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया कुर्मी है. सिंधिया राजघराने का भी राज रहा. एक समय ओबीसी वर्ग देश में राज्य करने वाला समुदाय था. पूर्व सीएम उमा भारती ने कहा कि बस गड़बड़ आरक्षण की व्यवस्था लागू होने के बाद से हुई है. अब अपने देश में आरक्षण व्यवस्था राजनीतिक जरुरत के हिसाब से हो गई है. जरुरत पड़ेगी तो कर देंगे, जरुरत नहीं पड़ेगी तो नहीं करेंगे. 


चीफ मिनिस्टर बनने की ख्वाहिश नहीं- उमा
पूर्व सीएम उमा भारती ने कहा कि मैं मध्यप्रदेश की चीफ मिनिस्टर बनी, मुझे चीफ मिनिस्टर पद से हटाया नहीं गया, बल्कि मैंने खुद ही पद छोड़ा था. पूर्व सीएम उमा भारती ने कहा कि अब मेरा सपना नहीं मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने का और न ही मुझे मध्यप्रदेश में सियासी जमीन की तलाश है. मैं तो अब मुख्यमंत्री बनवाऊंगी. प्रदेश में रामराज्य रहे, बस मैं तो ये चाहती हूं अपनी पार्टी  से कि हम जो जनता से वादा करते हैं, वह वादे पूरे हो. उमा भारती ने कहा कि मुझे मप्र में सियासी जमीन की तलाश नहीं है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में अटल जी के बाद दो या तीन ही ऐसा नेता है जो किसी भी राज्य में जाकर चुनाव जीतकर आ जाते हैं. पूर्व सीएम उमा भारती ने कहा कि मुझे तो खुद शिवराज जी ने कहा था अब से दो साल पहले कि दीदी अबकी बार आप मप्र से चुनाव लडऩा, लेकिन मैने मना कर दिया. 


राजमाता की वजह से आई राजनीति में- बीजेपी नेता
पूर्व सीएम उमा भारती ने कहा कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं राजनीति में आ जाऊंगी. राजनीति में आना तो राजमाता सिंधिया की देन है. उन्होंने मुझे 8 साल की उम्र से ही अपनी गोद में रख लिया था. फिर मुझे राजामाता ने आदेश दिया कि अब चुनाव लड़ों, बस यही शुरुआत हो गई थी. पूर्व सीएम ने कहा कि 27 साल की उम्र में तो मैं सांसद बन गईं थी. अयोध्या आंदोलन में शामिल हुईं. जेल पहुंच गई, फिर जेल से निकलकर भाग गई, जबकि उस समय मुलायम सिंह यादव कह रहे थे यहां परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा और मैं अयोध्या की सडक़ों पर पैदल मार्च कर जयश्री राम कर रही थी. 


अर्जुन सिंह सरकार के किस्से सुनाए
पूर्व सीएम उमा भारती ने पत्रकार वार्ता के दौरान अपने शुरुआती किस्से भी सुनाए. पूर्व सीएम ने बताया कि जब अर्जुन सिंह जी की प्रदेश सरकार बनी तो मैंने गांव में देखा कि गरीबों की जमीनें छुड़ा ली जाती थी, लेकिन दबंगों से कुछ नहीं कहा जाता था तो मैंने उनसे कहा कि आप उनकी जमीन छुड़ाओ, जिनके पास 100-100 एकड़, 50-50 एकड़ जमीन है. गरीबों की जमीन क्यों छुड़ाई जा रही है. मेरा अच्छा खासा टेरर था. मैं गाड़ी चलाती थी, अंग्रेजी बोलती थी, नतीजतन मैं गरीबों की जमीन छुड़वाने में कामयाब रही. 


मैंने ही उठाई महिला आरक्षण की आवाज- उमा भारती
पूर्व सीएम उमा भारती ने बताया कि महिला आरक्षण की आवाज मैंने ही उठाई थी. महिला आरक्षण बिल को लेकर 1991 में ही आवाज उठाई थी. उसके बाद देवगोड़ा जी की सरकार बनी. मुझे पता चला कि आज संसद में महिला आरक्षण बिल पारित होने जा रहा है, मैं बहुत खुशी थी. लेकिन मेरे पीछे बैठे कुछ वरिष्ठ नेताओं ने मुझे समझाया कि यह महिला आरक्षण बिल एससी-एसटी-ओबीसी के लिए नहीं पारित हो रहा है, तब मुझे समझ आया और मैंने अपनी बात रखी, मैंने देवगोड़ा जी से कहा कि जब तक सर इस बिल में एससी-एसटी-ओबीसी का क्लीयर न हो तब तक आप इस बिल को स्वीकृत मत कीजिए. इसके बाद देवगोड़ा जी खड़े हुए, उन्होंने कहा कि मैं उमा भारती जी का आदर करता हूं, अभी यह बिल पारित नहीं होगा, यह कमेटी के पास जाएगा, क्लीयर होने के बाद ही पारित होगा. इतना कहते ही संसद में हंगामा हो गया. पार्लियामेंट की सबकुछ रिकार्ड में है.