MP Election 2023: जबलपुर में BJP कार्यकर्ताओं के बवाल पर सामने आई केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव की प्रतिक्रिया, बोले- अब हम यहां आ गए हैं...
MP Election: जबलपुर में बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए बवाल पर केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश चुनाव के प्रभारी भूपेंद्र यादव ने कहा कि वो सभी पार्टी कार्यकर्ताओं से बात करेंगे.
MP Election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की उल्टी की गिनती शुरू हो गई है. इस बीच बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की पांचवी लिस्ट जारी कर दी है. ऐसे में प्रदेश की 228 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया गया है, लेकिन इस लिस्ट के सामने आते ही कुछ जगहों पर बवाल शुरू हो गया है. जबलपुर की उत्तर सीट पर अभिलाष पांडे को टिकट दिया गया है. इसके बाद टिकट देने से नाराज बीजेपी कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश चुनाव के प्रभारी भूपेंद्र यादव के सामने ही लात-घूसे चलाना शुरू कर दिया. संभागीय दफ्तर में हुई इस घटना के बाद केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
दरअसल, केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश चुनाव के प्रभारी भूपेंद्र यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'हम यहां आए हैं, अब उन सभी पार्टी कार्यकर्ताओं से बात करेंगे. शांति से उनकी बात सुनेंगे तो मामले का हल निकेलगा.' वहीं गनमैन के साथ मारपीट करने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'मेरा कोई गनमैन नहीं है. बता दें कि, बीजेपी द्वारा जबलपुर की उत्तर मध्य विधानसभा सीट से अभिलाष पांडेय को उम्मीदवार बनाया गया. जिससे पूर्व मंत्री शरद जैन, अब पार्टी में वापसी कर चुके पूर्व बागी नेता धीरज पटेरिया और एक पार्षद कमलेश अग्रवाल के नाराज समर्थक बीजेपी के संभागीय बैठक में जबरन घुस गए. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए हंगामा किया.'
#WATCH | Madhya Pradesh | Union Minister Bhupendra Yadav says, "We have come here, we will speak with all of them (party workers)..." pic.twitter.com/dQ3HEuVAmi
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) October 21, 2023
पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने किया कटाक्ष
वहीं, पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी की पांचवीं सूची को लेकर जमकर तंज किया है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा, "भारतीय जनता पार्टी की पांचवीं सूची ने स्पष्ट कर दिया है कि बीजेपी नेतृत्वहीन होने के साथ ही दिशाहीन भी हो चुकी है. पार्टी ने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं, बल्कि हार का ठीकरा फोड़ने के लिए कुछ पुराने और नए नाम सामने कर दिए हैं. अब न बीजेपी के पास मुख्यमंत्री का चेहरा है और ना ही विधायकों का चेहरा. जनता के सामने 18 साल का कुशासन है और जनता उसे खारिज करने के लिए कमर कस चुकी है."