Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बीच बागी नेता राजनीतिक पार्टियों के लिए मुसीबत बन सकते हैं. कई ऐसी सीटें जहां बागी नेताओं का दबदबा है. ऐसे में मध्य प्रदेश के दो मुख्य राजनीतिक दल बीजेपी और कांग्रेस अपने-अपने समीकरण बैठाने में जुटे हैं. इस बीच रतलाम से कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रेमचंद गुड्डू के इस्तीफे के बाद कांग्रेस की टेंशन बढ़ गई.


कांग्रेस को हो सकता है नुकसान
दो बार विधायक और एक बार सांसद रहे प्रेमचंद गुड्डू रतलाम की आलोट विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने जा रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस को इस सीट पर नुकसान हो सकता है. दरअसल आलोट विधानसभा सीट पर कांग्रेस पर बीजेपी ने पूर्व सांसद डॉक्टर चिंतामणि मालवीय को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने विधायक मनोज चावला को दोबारा टिकट दिया है. प्रेमचंद गुड्डू ने पार्टी से इस्तीफा देकर टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर निर्दलीय फॉर्म भर दिया है.


जावरा में हो सकती है परेशानी
इसी तरह अगर जावरा की बात की जाए तो यहां पर करणी सेना परिवार के प्रदेश अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर निर्दलीय नामांकन भरा है. जीवन सिंह भी कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे लेकिन उन्हें नहीं मिल पाया. ऐसी स्थिति में यहां भी कांग्रेस के वीरेंद्र सिंह सोलंकी के लिए परेशानी खड़ी हो गई है. 


दोनों पार्टियों की बढ़ी मुसीबत
जावरा में बीजेपी ने डॉक्टर राजेंद्र पांडे को टिकट दिया है. हालांकि जीवन सिंह शेरपुर भाजपा के भी वोट काटेंगे. इसी प्रकार सेलाना सीट पर भी जयस ने कमलेश्वर को मैदान में उतरकर भाजपा प्रत्याशी संगीता चोरल, कांग्रेस प्रत्याशी हर्ष विजय गहलोत को मुसीबत में डाल दिया है.


मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बगावती नेताओं की वजह से भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के समीकरण बिगड़ रहे हैं. रतलाम जिले की पांच विधानसभा सीट पर त्रिकोणी मुकाबला हो गया है. यहां पर कांग्रेस के बागी नेताओं ने अपनी ताकत दिखाते हुए कांग्रेस को मुसीबत में डाल दिया है. रतलाम जिले में राजनीति और सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले कई दिग्गज चुनाव लड़ रहे है.


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