Shivraj Singh Chouhan in MP Election Result 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम के रुझान बीजेपी के लिए अच्छी खबर लेकर आए हैं. इस बार बीजेपी को अब तक की सबसे बड़ी जीत मिलती दिख रही है. कुल 230 विधानसभा सीटों में से बीजेपी 160+ पर बढ़त बनाकर चल रही है, जो कि बेहद चौंकाने वाला आंकड़ा है. जीत का यह आंकड़ा इतना बड़ा है जो खुद बीजेपी ने आज तक टच नहीं किया था. वहीं, इससे भी बड़ी बात यह है कि इस बार मध्य प्रदेश में यह मैजिक नंबर पाने का श्रेय अगर किसी को जाता है तो वह हैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान. 


राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि शिवराज सिंह चौहान की जन कल्याणकारी नीतियों और उनके प्रति जनता के विश्वास ने यह जीत दिलाई है. यह असल में शिवराज की योजनाओं की जीत है. ऐसे में सीएम शिवराज के सामने अब कोई चुनौती खड़ी नहीं दिख रही. ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयर्गीय, वीडी शर्मा, गोपाल भार्गव या नरोत्तम मिश्रा जैसे बड़े नेता भी शिवराज सिंह चौहान के सामने चुनौती खड़ी नहीं कर सकते.


चुनाव से पहले बीजेपी 
गौरतलब है कि गुजरात के बाद मध्य प्रदेश अब बीजेपी का दूसरा अभेद्य किला बन गया है, जहां किसी और पार्टी का आना मुश्किल नजर आने लगा है. दरअसल, चुनाव से दो महीने पहले तक यह कहा जा रहा था कि बीजेपी नेतृत्व इस बार के चुनाव में शिवराज सिंह चौहान को तवज्जो नहीं दे रहा. न ही इस बार उन्हें सीएम फेस घोषित किया गया और न ही उम्मीदवारों की लिस्ट में उनका नाम पहले आया. पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भी अपने जन संबोधन में सीएम शिवराज का जिक्र नहीं करते थे. कांग्रेस भी तंज कसते हुए ये कहती थी बीजेपी अब शिवराज सिंह चौहान को भूल गई है. विपक्ष उन पर हमलावर था कि जिन मुख्यमंत्री का नाम भी चौथी कैंडिडेट लिस्ट में लाया गया, उनसे पार्टी को खास उम्मीदें नहीं हैं. हालांकि, इस बार की बंपर जीत कुछ और ही संकेत दे रही है. 


एक्सपर्ट का कहना है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी कई रणनीतियों का फायदा मिला. विशेषज्ञों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान की लाडली बहना योजना, पार्टी की रणनीति, ज्योतिरादित्य सिंधिया के होने का फायदा और पार्टी सिंबल कमल पर भरोसा, ये चार रणनीतियों की वजह से बीजेपी पांचवीं बार मध्य प्रदेश में सरकार बनाने जा रही है.


यह भी पढ़ें: MP Election Result: एमपी में सरकार बना लेगी BJP लेकिन हार जाएंगे ये मंत्री? कई चल रहे पीछे, इन सीटों पर अटकी सांसें