MP BJP Protest Ahead of Elections 2023: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी (BJP) द्वारा घोषित प्रत्याशियों की पहली सूची को लेकर बवाल मच गया है. सूची में शामिल कुछ उम्मीदवारों के नामों पर पार्टी कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर विरोध कर रहे हैं. बालाघाट (Balaghat) जिले की लांजी विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) कार्यकर्ता को टिकट देने की जमकर खिलाफत हो रही है.


साल 2018 के चुनाव में बालाघाट जिले की लांजी विधानसभा सीट पर कांग्रेस की हिना कांवरे ने 90382 वोट पाकर जीत दर्ज की थी. उन्होंने बीजेपी के रमेश भटेरे को 18696 वोट के बड़े अंतर से पराजित किया था. भटेरे को 71686 वोट हासिल हुए थे. हिना कांवरे कांग्रेस के दिग्गज नेता लिखीराम कांवरे की बेटी हैं, जिनकी दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में मंत्री रहते नक्सलियों ने हत्या कर दी थी.


राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बीजेपी ने लांजी विधानसभा क्षेत्र को अपनी कठिन सीटों में शामिल किया है. फिलहाल पार्टी ने पहले चरण में कुल 39 कठिन सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है. इस सूची में लांजी से पार्टी ने राजकुमार कर्रहे का चौंकाने वाला नाम दिया है, जिसे लेकर अब पराजित उम्मीदवार रमेश भटेरे के समर्थक सड़क पर उतरकर विरोध कर रहे हैं.


कभी आप में सक्रिय थे राजकुमार कर्रहे


दरअसल, लांजी सीट से बीजेपी के नव घोषित उम्मीदवार राजकुमार कर्रहे पिछले पांच साल से आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता के तौर पर सक्रिय थे. टिकट मिलने से कुछ घंटे पहले ही उन्होंने आप छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था. 'राजकुमार हटाओ-बीजेपी बचाओ' और 'बीजेपी संगठन होश में आओ' के नारे के साथ लांजी में कार्यकर्ताओं ने कर्रहे की उम्मीदवारी का जमकर विरोध किया.


लांजी के बीजेपी के मंडल अध्यक्ष अरुण चौरसिया ने कहा, "पार्टी के इस निर्णय से कार्यकर्ता हतोत्साहित हुए हैं. पार्टी ने एक ऐसे आदमी को टिकट दिया है, जो अब तक संगठन का कार्यकर्ता भी नहीं है. वो आम आदमी पार्टी का नेता है. पार्टी को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए."


कौन हैं राजकुमार कर्रहे? जानें
राजकुमार कर्रहे ने राजनीति की शुरुआत लांजी क्षेत्र के युवा बीजेपी नेता के रूप में की थी. वह साल 2012 तक लांजी जनपद पंचायत के अध्यक्ष भी रहे. उनके खिलाफ 2018 के चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम करने के आरोप लगे और बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. इसके बाद कर्रहे ने आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली. वे पिछले 5 साल से आम आदमी पार्टी की ओर से सक्रिय रूप से क्षेत्र में काम कर रहे थे. कर्रहे ने टिकट की घोषणा के चार घंटे पहले ही आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दिया था.


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