MP Elections 2023: चुनाव में कांग्रेस ने पुराने नामों पर जताया भरोसा, जानिए इंदौर की सीटों के क्या हैं राजनीतिक समीकरण
MP Elections 2023: एमपी कांग्रेस कमेटी में बीते चार दिनों तक मंथन चलने के बाद अंतत विधानसभा चुनाव दावेदारों के 90 नाम की सूची तैयार की गई. इसमें कमलनाथ और अजय सिंह के नाम भी शामिल हैं.
MP Election 2023 Congress Candidate List: मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अंत में उन नामों को फाइनल कर ही दिया है, जिन नाम पर किसी तरह का विवाद नहीं है. इनमें इंदौर की चार विधानसभा सीट भी शामिल है. आईए जानते हैं इन चार विधानसभा सीटों पर क्या स्थिति है और कहां पर कौन से नेता को कांग्रेस टिकट दे रही है. बताया जा रहा है कि, 15 अक्टूबर के बाद कांग्रेस सूची जारी कर सकती है. दरअसल इस समय पितृपक्ष चल रहा है और इसलिए सूची को अभी रोका गया है, लेकिन बीते चार दिनों तक यह मंथन चलने के बाद अंतत विधानसभा चुनाव दावेदारों के 90 नाम की सूची तैयार की गई. इसमें कमलनाथ और अजय सिंह के नाम भी शामिल हैं.
बता दें कि, शनिवार को दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक थी, जिसमें प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा हुई, लेकिन अभी नाम फाइनल नहीं हुए. वहीं कांग्रेस के बड़े नेता पहले भी कह चुके हैं कि, विधायकों पर पार्टी ने पहले ही भरोसा जताया है. इंदौर की अगर बात करें तो इंदौर विधानसभा क्रमांक 1 से फिलहाल संजय शुक्ला विधायक हैं.
वहीं राऊ में जीतू पटवारी कांग्रेस का झंडा बुलंद किए हुए हैं. इसके अलावा देपालपुर से विशाल पटेल फिलहाल विधायक हैं. इन तीनों मौजूदा विधायकों के टिकट कंफर्म माने जा रहे हैं. वहीं सांवेर की अगर बात करें तो सांवेर सीट पहले कांग्रेस के हाथ में थी, लेकिन तुलसी सिलावट के बीजेपी में जाने के बाद अब यह सीट बीजेपी ने हथिया ली है. यहां से कांग्रेस रीना बोरासी पर दाव लगा सकती है.
इंदौर की विधानसभा-1
दरअसल, पहले बात करते हैं इंदौर की विधानसभा-1 की. इंदौर की ये विधानसभा उस वक्त से चर्चा में आ गई जब से यहां पर भारतीय जनता पार्टी ने कैलाश विजयवर्गीय को बतौर प्रत्याशी चुनाव में उतारा. कैलाश विजयवर्गीय के विधानसभा-1 से चुनाव में उतरने के बाद अब संजय शुक्ला को ही टिकट दिया जाएगा यह पार्टी लगभग तय कर चुकी है. इसके पीछे वजह भी है, क्योंकि संजय शुक्ला यहां पिछले 5 सालों से विधायक हैं और उन्होंने ही भाजपा के सुदर्शन गुप्ता को हराकर इस सीट को कांग्रेस के खाते में डाला था. इसलिए यह माना जा रहा है कि संजय शुक्ला मजबूत दावेदार हैं. फिलहाल इंदौर विधानसभा-1 में दूसरा मजबूत दावेदार मिलना मुश्किल है.
हालांकि, यहां पर गोलू प्रीति अग्निहोत्री ने भी दावेदारी की थी, लेकिन पार्टी संजय शुक्ला के साथ जाना ज्यादा पसंद करेगी. संजय शुक्ल के बारे में बात करें तो संजय शुक्ला मध्य प्रदेश के अमीर विधायकों में से एक हैं और इस समय इस विधानसभा में दमदारी भी रखते हैं. इसके अलावा जातीय समीकरणों की अगर बात करें तो संजय शुक्ला ब्राह्मण समाज से आते हैं. साथ ही इंदौर विधानसभा -1 में यादव और ब्राह्मण मिलकर विधायक का भविष्य तय करते हैं.
राऊ विधानसभा
इधर राऊ विधानसभा की अगर बात करें तो राऊ विधानसभा में पूर्व मंत्री जीतू पटवारी मौजूदा विधायक हैं और पार्टी में कद्दावर नेता के तौर पर देखे जाते हैं. जीतू पटवारी राहुल गांधी के ज्यादा नजदीक हैं और यही कारण है कि उन्हें पार्टी में प्रमुख पदों पर नियुक्त किया गया है. इसके अलावा जीतू पटवारी पर पार्टी ने भरोसा अगर जताया है तो उसकी वजह भी है. दरअसल, पटवारी अपनी विधानसभा में लगातार एक्टिव हैं और जातिगत समीकरणों में भी पटवारी अच्छी खासी वोटर संख्या लेकर आने में सफल रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव की अगर बात करें तो पिछले चुनाव में जीतू पटवारी ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार मधु वर्मा को हराकर इस विधानसभा से कांग्रेस को ये सीट दी है.
दरअसल, राऊ विधानसभा का कुछ क्षेत्र शहरी तो कुछ क्षेत्र ग्रामीण है. इसलिए इस इलाके में दोनों तरह के वोटर मौजूद हैं. वही जीतू पटवारी को टिकट देकर पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि वह किसी तरह का रिस्क इस विधानसभा में नहीं लेना चाहती है, क्योंकि मधु वर्मा पर भारतीय जनता पार्टी ने फिर से विश्वास जताया है और उन्हें इस विधानसभा का टिकट दिया है.
देपालपुर विधानसभा
ग्रामीण क्षेत्रों में अगर बात करें तो इंदौर के नजदीक करीब 40 किलोमीटर दूर देपालपुर स्थित है देपालपुर से फिलहाल विशाल पटेल विधायक हैं और यह सीट उन्होंने भाजपा के मनोज पटेल को हराकर जीती है. भारतीय जनता पार्टी की यह परंपरागत सीट कही जाती थी और इस सीट पर लंबे समय तक भाजपा काबिज रही, लेकिन पिछले चुनाव में मनोज पटेल को हराकर विशाल पटेल ने सीट को कांग्रेस के खाते में डाला है. इसलिए कांग्रेस इस सीट पर भी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती और मौजूदा विधायक को ही टिकट देकर यह संदेश देना चाहती है कि, देपालपुर सीट भी कांग्रेस के खाते में ही रहना चाहिए.
दरअसल, विशाल पटेल भी पिछले 5 सालों से विधायक रहे हैं और उन्होंने यहां पर कई विकास कार्य करवाते हुए लोगों के दिल में जगह बनाई है. वहीं भाजपा के अगर बात करें तो बीजेपी की तरफ से मनोज पटेल को यहां पर प्रत्याशी बनाया गया है. हालांकि मनोज पटेल पिछला चुनाव हार चुके थे, लेकिन फिर भी पार्टी ने उन पर विश्वास जताया और उनका टिकट दिया है. इधर देपालपुर विधानसभा सीट पर त्रिकोणी मुकाबला भी देखने को मिल सकता है क्योंकि यहां पर जबेश्वर सेवा के राजेंद्र चौधरी भी बीजेपी से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. उन्होंने यहां तक कह दिया है कि अगर पार्टी उन्हें टिकट नहीं देगी तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे.
सांवेर विधानसभा
आखिर में बात करते हैं इंदौर के सांवेर सीट की. दरअसल, सांवेर सीट भी इंदौर की महत्वपूर्ण सीटों में से एक है और यहां से कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट फिलहाल विधायक है. सिंधिया खेमे से आने वाले तुलसी सिलावट फिलहाल भारतीय जनता पार्टी में है और सिंधिया के साथ ही उन्होंने भाजपा में अपनी एंट्री ली थी. कांग्रेस की विधायक विचारधारा को छोड़कर आने वाले तुलसी सिलावट का मानना है कि, इस क्षेत्र में उन्होंने बहुत काम किए हैं, लेकिन वहीं सांवेर जैसे क्षेत्र में तमाम समस्याएं अभी ऐसी हैं जिन पर काम होना बाकी है. मसलन किसानों के लाखों रुपए यहां पर बकाया है जो तुलसी सिलावट की चिट्ठी लिखने के बाद भी लोगों को नहीं मिल पाए. इधर रीना बोसी की बात करें तो रीना बोसी कांग्रेस की एक्टिव नेता हैं और पिछले कई सालों से यहां एक्टिव है.