MP Elections 2023: कांग्रेस के लिए मालवा निमाड़ की राजनीति में रविवार का दिन कुछ अच्छे संकेत लेकर नहीं आया या यूं कहें कि सूबे की सियासत का असली मजमा इतवार के रोज़ ही लगा. बकौल बीजेपी प्रवक्ता गोविंद मालू कांग्रेस को पहले अपने कच्चे घर की मरम्मत करनी जरूरी है अन्यथा मध्य प्रदेश में कांग्रेस का हाउस बनाने का सपना कहीं सपना ही न रह जाए. अब ऐसा क्यों कहा जा रहा है ये भी पढ़ लीजिए.
जैसे जैसे एमपी विधानसभा इलेक्शन नजदीक आ रहे हैं, सियासी हलचल उफान लेती जा रही है. सत्ता की मलाई से कोसों दूर बैठी कांग्रेस इस बार के विधानसभा चुनावों में कोई कोर कसर बाकी रखना नहीं चाहती. कांग्रेस चाहती तो बहुत कुछ है लेकिन अपने ही कुछ नेताओं के कारण उसे मात खानी पड़ जाती है. भाजपा नेता और सूबे के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि कर्नाटक के अलावा एमपी में भी कांग्रेस के डीके हैं जो पूरी ताकत से कांग्रेस को दोबारा खड़ा करने में लगे हैं. डॉ. मिश्रा का इशारा दिग्विजय सिंह और कमलनाथ की ओर था. ये दोनों नेता उम्र के लिहाज से भले ही बड़े हों लेकिन जज्बे में युवा कांग्रेसी से कही आगे नजर आ रहे हैं.
दोनों दिग्विजय सिंह और कमलनाथ कोशिश में भी लगे हैं कि जैसे तैसे एमपी में कांग्रेस का सूखा खत्म किया जाए. लेकिन इतवार को खंडवा और उज्जैन में जो कुछ हुआ उसने न केवल बीजेपी को हमलावर होने का मौका दे दिया बल्कि कांग्रेस की अंतर्कलह को भी उजागर कर दिया.
संगठन के स्थानीय नेताओं ने किए सवाल जवाब
खण्डवा और उज्जैन में कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर दिखी. उज्जैन में जहां कथित ऑडियो में कांग्रेस नेता रवि भदौरिया एक अल्पसंख्यक नेता को टिकट देने की खिलाफत करते नजर आए, वहीं खण्डवा में दलित समाज के अध्यक्ष को होल्ड करने के मामले ने तूल पकड़ लिया. हालांकि, दोनों ही मामलों में कांग्रेस संगठन ने स्थानीय नेताओं से इस विषय में सवाल जवाब किए हैं. वहीं, उज्जैन के कांग्रेस नेता की नियुक्ति को निरस्त कर दिया है.
BJP फिर कांग्रेस पर हो रही हमलावर
खंडवा और उज्जैन के मामले में भारतीय जनता पार्टी ने अब कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट करते हुए कि जहां खंडवा की कांग्रेस नेताओं के अंतर्कलह को उजागर किया, वहीं उज्जैन के मामले में कांग्रेस पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता गोविंद मालू ने हमला बोला. दोनों नेताओं ने ट्वीट के जरिए अपनी अपनी बात रखी.
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