(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
MP Elections: कांग्रेस विधायक ने क्यों उठाई आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग? उमंग सिंघार का खुलासा और कमलनाथ को चुनौती!
MP Election 2023: कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे उमंग सिंघार ने चुनाव के कुछ महीनों पहले मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री आदिवासी वर्ग से बनाने की मांग क्यों उठा दी? इस बात का खुलासा खुद सिंघार ने किया है.
Umang Singhar Demand Tribal CM for MP: मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के विधायक उमंग सिंघार ने आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग उठाकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है. मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय के समर्थन के बिना किसी की सरकार बना मुमकिन नहीं है. ऐसे में कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी को भी कड़ी चुनौती मिल रही है.
राजनीति में पिछले कुछ दशकों में ऐसा बदलाव आया है, जिसके चलते अब मुख्यमंत्री के चेहरे पर प्रदेश का चुनाव और प्रधानमंत्री के चेहरे पर देश का चुनाव लड़ा जाता है. ऐसी स्थिति में राजनीतिक दलों के सामने कई प्रकार की मुश्किलें भी खड़ी हो जाती हैं. ऐसी ही मुश्किल अब कांग्रेस के सामने खड़ी हो गई है. कांग्रेस के पूर्व मंत्री और विधायक उमंग सिंघार जनता के बीच आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठा दी है. सिंघार ने यह बात हाईकमान तक भी पहुंचा दी है. एबीपी न्यूज़ से चर्चा के दौरान पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने कहा कि मध्यप्रदेश में बिना आदिवासी समुदाय के समर्थन के कोई सरकार सत्ता में नहीं आ सकती है.
मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 47 सीटें आदिवासी बहुल्य हैं. इन सीटों पर आदिवासी समुदाय हार जीत का फैसला करता है. मध्य प्रदेश में आजादी के बाद सभी वर्ग के लोगों को मुख्यमंत्री पद की कुर्सी मिली और काम करने का मौका दिया गया. अब समय बदल चुका है. आदिवासी समुदाय को मुख्यमंत्री पद की कुर्सी मिलना चाहिए, ताकि समाज के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए जा सके. गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का चेहरा जनता के बीच रखा गया है, जबकि बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर चुनाव लड़ा जा रहा है.
बीजेपी भी अपना प्रत्याशी का नाम बताएं- सिंघार
पूर्व मंत्री उमंग सिंघार का गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने समर्थन करते हुए उनकी जमकर तारीफ भी कर दी. उन्होंने कहा कि उमंग सिंघार समय-समय पर बेबाकी के साथ सही बात जनता के बीच रखते आए हैं. हालांकि उमंग सिंघार ने बीजेपी पर भी निशाना साथ दिया है. उन्होंने कहा है कि यदि बीजेपी को आदिवासी समुदाय की इतनी चिंता है तो उन्हें भी आदिवासी समुदाय मुख्यमंत्री कुर्सी के लिए अभी से नाम तय कर देना चाहिए.
मैंने तो कांतिलाल भूरिया का नाम सामने रखा
पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने कहा कि वैसे तो मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए विधायक दल नाम तय करता है. अभी से मुख्यमंत्री पद के लिए किसी का नाम नहीं होता है हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस में आदिवासी समुदाय के कई बड़े नेता है. इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया का भी नाम है, जिन्हें चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. उन्होंने अभी कहा कि उनके द्वारा कांतिलाल भूरिया का नाम आगे रखा गया है.
कांग्रेस नेताओं से नाराज है उमंग सिंघार- सूत्र
कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पूर्व मंत्री उमंग सिंघार कांग्रेस के बड़े नेताओं से नाराज भी चल रहे हैं. गौरतलब है कि हाल ही में कांग्रेस ने चुनाव अभियान समिति और स्क्रीनिंग समिति सहित कुछ महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को लेकर पार्टी की ओर से सूची जारी की थी. इन दोनों सूची में कई नाम समान थे जबकि उमंग सिंघार का नाम सूची में शामिल नहीं था. उम्मीद की जा रही थी की उमंग सिंघार को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है, मगर वे सूची से बाहर हो गए. इसके बाद से ही उमंग सिंघार की नाराजगी धार जिले के बदनावर तहसील में जनता के बीच मंच पर दिखाई दी. हालांकि उमंग सिंघार ने इस बात से साफ इन्कार करते हैं. उनका कहना है कि उनकी किसी कांग्रेस नेता से नाराजगी नहीं है वह केवल आदिवासी समुदाय की मांग उठा रहे हैं.
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