Congress in MP Elections 2023: मध्य प्रदेश में इस बार विधानसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों के लिए प्रतिष्ठा का चुनाव बन गया है. यही वजह है कि अब बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस भी ऐसे चेहरों को मैदान में उतारना चाहती है, जो जीत की संभावनाओं से भरे हो इसी के चलते अब विधानसभा टिकट भोपाल नहीं बल्कि दिल्ली से तय होने की रणनीति पर काम हो रहा है. इसी के चलते स्क्रीनिंग कमेटी की सूची जारी हुई है.
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू होने के साथ ही राजनीतिक दल अपने संभावित उम्मीदवारों को लेकर कई पैमानों पर परीक्षण कर रहे हैं. इसी के चलते अलग-अलग समितियों का गठन भी किया जा रहा है. कांग्रेस में मध्यप्रदेश में उम्मीदवारों का चयन करने वाली स्क्रीनिंग कमेटी की सूची जारी कर दी है. इस सूची में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र सिंह को अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि अजय सिंह लल्लू और सप्तगिरि उलका को सदस्य बनाया गया है. इसके अतिरिक्त पद के आधार पर प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, प्रभारी जेपी अग्रवाल, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया, कमलेश्वर पटेल और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के उन सचिव को भी जवाबदारी दी गई है, जिनके पास मध्यप्रदेश का दायित्व है. स्क्रीनिंग कमिटी विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों के नाम का चयन करने का महत्वपूर्ण कार्य करेगी. पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू के मुताबिक कांग्रेस में शुरू से ही हाईकमान और प्रदेश कांग्रेस कमेटी मिलकर ही प्रत्याशियों का चयन करती आ रही है.
कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को लगा झटका
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि कमलनाथ दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश में संभावित दावेदारों पर मोहर लगाकर उन्हें प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतार देंगे. हालांकि स्क्रीनिंग कमेटी समिति में मूल जिम्मेदारी पार्टी के बड़े नेताओं को देखकर यह साफ कर दिया गया है कि जीतने वाले चेहरे को चुनाव लड़ाया जाएगा और सब कुछ दिल्ली से तय होगा. हालांकि कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, कांतिलाल भूरिया, गोविंद सिंह सहित अन्य सदस्यों की सिफारिश जरूर काम आ सकती है.
लोकसभा चुनाव को भी किया जा रहा है फोकस
मध्य प्रदेश में बीजेपी की शिवराज सरकार पूरी ताकत के साथ एक बार फिर सत्ता की चाबी हासिल करना चाहती है. इसके लिए मध्यप्रदेश में केंद्रीय मंत्रियों को मैदान में उतार दिया गया है, जबकि कांग्रेस भी इस बार 2018 की तर्ज पर जोरदार प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रही है. कांग्रेस की ओर से भी लगातार समितियां बनाकर जमीनी स्तर पर नींव मजबूत की जा रही है.
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के 6 महीने बाद लोकसभा चुनाव होना है, इसीलिए केंद्रीय नेतृत्व भी पूरा फोकस कर रहा है. मध्य प्रदेश में 29 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से 28 बीजेपी के पास है और छिंदवाड़ा की सीट कांग्रेस के खाते में है. इस बार कांग्रेस अधिक सीट जीतने की कोशिश में जुटी है, जबकि बीजेपी दावा कर रही है कि लोकसभा चुनाव 2024 में छिंदवाड़ा की सीट भी बीजेपी के खाते में आ जाएगी.