MP Election 2023: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) की ऐसी 66 विधानसभा सीटों पर नजर है जहां लंबे समय से बीजेपी (BJP) का कब्जा रहा है. डेढ़ महीने में पूर्व मुख्यमंत्री ने 35 जिले की 67 विधानसभा सीटों का दौरा किया है. इन विधानसभा सीटों पर कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र भी दिया है.
इन दिनों मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उन सीटों पर दौरा कर रहे हैं, जो लंबे समय से बीजेपी की झोली में थे. इस बार कांग्रेस ने जो रणनीति बनाई है एक तो जहां पर कांग्रेस (Congress) लगातार जीत रही है, वहां पर पूरी ताकत के साथ जीत दिलवाने का संकल्प लिया जा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ जिन सीटों पर कांग्रेस कमजोर है, वहां पर किस रणनीति के तहत पार्टी को मजबूत किया जाए, इसपर भी काम हो रहा है.
हारी हुई सीटों के लिए कांग्रेस की रणनीति
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के मुताबिक कमलनाथ ने उन्हें हारी हुई सीट की जिम्मेदारी दी है. इन सीटों पर कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने के लिए दौरा किया जा रहा है. इसके अलावा, हार के कारणों का भी आकलन हो रहा है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक दिग्विजय सिंह हारी हुई सीटों पर अच्छे कैंडिडेट की भी तलाश कर रहे हैं जिसकी रिपोर्ट बनाकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को भेजी जाएगी.
इन विधानसभा सीटों पर पहुंचे दिग्विजय
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मुंगावली, अशोकनगर, पंधाना, चंदला, बिजवार, बेरसिया, गोविंदपुरा, बुधनी, सीहोर, आष्टा, टिमरनी, शिवपुरी, गुना, बमोरी, ग्वालियर, शमशाबाद, रामपुर, रीवा, मनगवां, दतिया, कुरवाई, बीना, खुरई, सुर्खी, सागर, नरयावली, रहली, हटा, पथरिया, शुजालपुर, सुसनेर, उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, बदनावर, रतलाम, सुवासरा, मंदसौर, नीमच, जावद, सिरमौर, देवतालाब, सिंगरौली, देवसर, धौहानी, जयसिंह नगर, अनूपपुर, सिहोरा, जबलपुर कैंट, सिवनी, पिपरिया, होशंगाबाद, सांची, सारंगपुर, देवास, इंदौर ( विधानसभा क्रमांक 2,4,5), सांवेर, खातेगांव, बागली, हरसूद, बुरहानपुर, खंडवा, महिदपुर विधानसभा पर नजर है इन विधानसभा सीटों पर दिग्विजय सिंह दौरा भी कर चुके हैं.
बीजेपी से हमारा संगठन कमजोर- दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह ने जहां भी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया वहां स्पष्ट रूप से अनुशासन और एकता की आवाज बुलंद की दिग्विजय सिंह ने कहा कि बीजेपी से हमारा संगठन कमजोर है, इसलिए इस बार पूरी ताकत के साथ सरकार बनाना है. दिग्विजय सिंह ने यह भी संकल्प दिलाया कि जिसे भी कांग्रेस टिकट देगी उसे सभी मिलकर जिताएंगे. अभी तक यह देखने में आया है कि जैसे ही कांग्रेस में टिकट वितरण होता है, वैसे ही विद्रोह शुरू हो जाता है.
कांग्रेस को खत्म करने वाले 'डीके'
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को लेकर मध्य प्रदेश के गृहमंत्री पहले ही यह बात कह चुके हैं कि एमपी में कांग्रेस की जो दुर्दशा है उसके पीछे डीके यानी दिग्विजय सिंह और कमलनाथ की भूमिका है. भारतीय जनता पार्टी दिग्विजय सिंह के दौरे को अधिक महत्व नहीं दे रही है, हालांकि नजर जरूर बनाए हुए हैं.
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