MP Elections 2023 Rau Assembly Seat: इंदौर की वीआईपी सीट माने जानी वाली विधानसभा सीट राऊ की बड़ी ही रोचक कहानी है. अब तक यहां जिस पार्टी ने भी राज किया है, वह हमेशा कम वोट प्रतिशत से जीता ही है. लेकिन अब तीन ऐसे उम्मदीवार अपनी किस्मत इस सीट से आजमा सकते हैं. इनमें से दो अब तक जीत हासिल कर चुके हैं तो तीसरा उम्मीदवार भी जीतने के लिए जोर आजमाइस कर रहा है.
जीतू पटवारी हैं विधायक
इंदौर शहर की ग्रामीण सीट माने जाने वाली विधानसभा सीट राऊ में वर्तमान में कांग्रेस के जितेंद्र उर्फ जीतू पटवारी विधायक के पद पर काबिज़ हैं. उन्हें कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का करीबी माना जाता है. उन्हें भारत जोड़ो यात्रा में भी राहुल गांधी के साथ कदम से कदम मिलाते हुए देखा गया है. जीतू पटवारी अपने अंदाज में विरोधी पर हमेशा आक्रामक रहते हैं.
इस कारण उन्हें मध्य प्रदेश में कांग्रेस के भविष्य के बड़े नेता के रूप में देखा जाता आ रहा है. जीतू पटवारी ने जीतू जिराती से एक बार हारने के बाद दूसरी बार विधानसभा 2013 में जीत हासिल की थी. इसके बाद पिछली 2018 के चुनाव में बीजेपी के वरिष्ठ नेता मधु वर्मा को भी शिकस्त दे चुके हैं.
मधु वर्मा भी कर रहे जीत के दावे
मधु वर्मा पूर्व इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रह चुके हैं. मध्य प्रदेश के पिछड़ा आयोग वर्ग के कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी मिल चुका है. फिलहाल, वे बीजेपी के देवास जिले के प्रभारी के रूप में काम कर रहे हैं. मधु वर्मा का कहना है कि बीजेपी द्वारा जो कार्य दिया गया है, उसे वह अपनी निष्ठा से कर रहे हैं.
अपनी विधानसभा में भी लगातार कार्य कर रहे हैं. आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी अगर टिकट देती है तो पिछली बार भले ही कम वोट से हार मिली हो, लेकिन इस बार उसके दोगुने वोट के अंतर से जीत हासिल करेंगे.
जीतू जिराती भी दांव आजमाने को तत्पर
बात करें जितेंद्र उर्फ जीतू जिराती की तो वह विधानसभा 2008 के चुनाव में कांग्रेस के जीतू पटवारी को 73 हजार 326 वोटों से शिकस्त देकर अपनी पांच साल की विधायकी बखूबी निभा चुके हैं. लेकिन, 2013 में उन्हें उसी जीतू पटवारी से 18559 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. जीतू जिराती मध्य प्रदेश में भाजयुमो के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं. फिलहाल वह बीजेपी के सांसद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं. 2023 में होने वाले विधानसभा में भी अपनी दावेदारी बड़ी ही मजबूती से रख रहे हैं.
क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार
इधर, वरिष्ठ पत्रकार और एक अखबार के संपादक नवनीत शुक्ला का कहना है कि पिछले दो बार राऊ विधानसभा में कांग्रेस के जीतू पटवारी ने दो ऐसे बीजेपी के उम्मीदवारों को हराया है, जो बीजेपी इंदौर के बड़े नेता माने जाते हैं. लेकिन, वह जब मोदी लहर में कांग्रेस को नहीं हरा पाए तो आने वाले समय में कांग्रेस को कैसे हरा सकेंगे. उनके सामने यह बड़ी चुनौती है.
बीजेपी की भी पॉलिसी भी है जो चुनाव हारेगा, उसे टिकट नहीं दिया जाएगा. लेकिन, वही राऊ क्षेत्र में आठ वार्ड महाराष्ट्रीयन बहुल है. इन्हीं वोटों को बीजेपी साधने में असफल होती आ रही है. इसी कारण वह जीत नहीं पा रही है. अब या तो बीजेपी किसी महाराष्ट्रीयन नेता को खड़ा करे या ऐसे नेता को, जिसकी इन वार्डों में मजबूत पकड़ हो. इस स्थिति में ही बीजेपी राऊ सीट से जीत हासिल कर सकती है.
6 बार जीत चुकी है कांग्रेस
गौरतलब है कि करीब 3 लाख 25 हजार मतदाताओं वाली राऊ विधानसभा सीट में अब तक कांग्रेस ने 6 बार जीत दर्ज की है. वही बीजेपी केवल 2 बार ही जीत का मजा चखने में कामयाब हो सकी है. हालांकि, अब तक इस विधानसभा सीट पर जितनी भी जीत बीजेपी ने दर्ज की हो, लेकिन जीत और हार का अंतर काफी कम रहता आया है.
बता दें कि राऊ विधानसभा सीट मध्य प्रदेश के इंदौर की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट मानी जाती है. इस राऊ सीट पर वर्तमान विधायक व पूर्व मंत्री जीतू पटवारी काबिज़ हैं. इस सीट पर अब तक मतदाताओं ने अधिकतर कांग्रेस पर ही विश्वास जताया है. फिलहाल इस बार राऊ विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह तो मतदाता ही तय करेंगे.