MP Elections 2023: मध्य प्रदेश के जबलपुर (Jabalpur) जिले की सिहोरा सुरक्षित सीट से चुनाव रही कांग्रेस प्रत्याशी एकता ठाकुर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में सिहोरा से कांग्रेस प्रत्याशी एकता ठाकुर के जाति प्रमाण-पत्र को चुनौती दी गई है. जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकल पीठ ने राज्य शासन, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग, जबलपुर कलेक्टर, एकता ठाकुर एवं अन्य को नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 6 हफ्ते बाद तय की गई है. 


दरअसल, एकता ठाकुर को जबलपुर जिले की सिहोरा विधानसभा सीट (अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित) से कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है. एकता ठाकुर ने अपना प्रचार भी शुरू कर दिया है. इसी बीच कुंडम तहसील निवासी रेणुका बाई व नवल सिंह बरकड़े की ओर से याचिका दायर कर आरोप लगाया गया है कि, सिहोरा से कांग्रेस प्रत्याशी एवं अनावेदक एकता ठाकुर का अनुसूचित जनजाति का प्रमाण-पत्र फर्जी है. यह भी आरोप लगाया गया है कि, अनावेदक अनुसूचित जनजाति वर्ग की नहीं है, जिसकी वैधानिक तरीके से जांच की जानी चाहिए.


राजनीतिक लाभ के लिए बनाया जाति प्रमाण-पत्र
वहीं आवेदकों की ओर से अधिवक्ता आरबी तिवारी, रोहित पैगवार व संजय सिंह सेंगर ने तर्क दिया कि, अनावेदक ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए फर्जी तरीके से जाति प्रमाण-पत्र हासिल किया है. न्यायहित में अनावेदक के जाति प्रमाण-पत्र की जांच जरूरी है. बुधवार को प्रारंभिक सुनवाई के बाद एकल पीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. बता दें कि, एकता ठाकुर फिलहाल जिला पंचायत की सदस्य हैं. उनकी जिला पंचायत सदस्यता में जाति संबंधी मामले को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक याचिका लंबित है. कांग्रेस ने बीजेपी के वर्चस्व वाली सिहोरा सीट को वापस पाने के लिए युवा चेहरा एकता ठाकुर पर दांव खेला है.



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