(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
MP News: 24 साल के इस गंभीर बीमारी से मुक्त हो जाएगा भारत, PM मोदी मध्य प्रदेश से करेंगे अभियान की शुरुआत
PM Modi MP Visit: 27 जून को शहडोल में पीएम मोदी के आगमन को लेकर जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है. शहडोल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मुख्य कार्यक्रम लालपुर हवाई पट्टी पर होना है.
MP News: पल्स पोलियो और कोरोना महामारी के बाद अब भारत सरकार सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anemia) बीमारी को अभियान के रूप में लेने जा रही है. भारत सरकार का लक्ष्य है कि साल 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को भारत से खत्म कर दिया जाएगा. इस अभियान का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) मध्य प्रदेश से करने जा रहे हैं. 27 जून को एमपी के शहडोल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय स्तर पर सिकल सेल एनीमिया मिशन 2047 का शुभारंभ करेंगे. सिकल सैल एनीमिया उन्मूलन मिशन 2047 के शुभारंभ कार्यक्रम में केन्द्र सरकार, स्वास्थ्य मंत्रालय, जनजातीय कार्य मंत्रालय, आयुष मंत्रालय और राज्यों के प्रतिनिधि वर्चुअली शामिल होंगे.
बता दें सिकल सेल एनीमिया एक प्रकार की अनुवांशिक बीमारी यानी जेनेटिक डिसऑर्डर है. माता और पिता दोनों में सिकल सेल के जीन्स होने पर उनके बच्चों में यह बीमारी होना स्वाभाविक है. सिकल सेल में रोगी की लाल रक्त कोशिकाएं हंसिए के आकार में परिवर्तित हो जाती हैं. हंसिए के आकार के ये कण शरीर के विभिन्न अंगों में पहुंच कर रुकावट पैदा करते हैं. इस जन्मजात रोग से ग्रसित बच्चा शिशु अवस्था से बुखार, सर्दी, पेट दर्द, जोड़ों एवं घुटनों में दर्द, सूजन और कभी रक्त की कमी से परेशान रहता है.
इस बीमारी के तीन लक्षण
विशेषज्ञों के अनुसार सिकल सैल एनीमिया 3 प्रकार का होता है. पहला प्रकार सिकल वाहक है, सिकल वाहक में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते और ऐसे व्यक्ति को उपचार की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन ऐसे व्यक्ति को यह पता होना चाहिये कि वह सिकल वाहक है. यदि अनजाने में सिकल वाहक दूसरे सिकल रोगी से विवाह करता है, तो सिकल पीडि़त संतान पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है. दूसरे प्रकार के सिकल रोगी में सिकल सैल बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं. इन्हें उपचार की आवश्यकता होती है. सिकल बीटा थेलेसिमिया तीसरे प्रकार का सिकल सैल रोग है.
बीटा थैलेसिमिया बीटा ग्लोबिन जीन में दोष के कारण होता है. सिकल सैल बीमारी अनुवांशिक बीमारी है. सिकल सैल रोगी के साथ खाना खाने, साथ रहने, हाथ मिलाने अथवा गले मिलने से यह रोग नहीं होता. यह बीमारी केवल माता.पिता से ही बच्चों में आ सकती है, जिसे बचपन में यह बीमारी नहीं हैए उसे आगे जिंदगी में कभी भी किसी भी तरीके से सिकल सैल की बीमारी नहीं हो सकती.
प्रशासनिक तैयारियां पूरी
27 जून को शहडोल आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन को लेकर जिला प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ तैयारियों में जुटा हुआ है. शहडोल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मुख्य कार्यक्रम लालपुर हवाई पट्टी पर होना है. शहडोल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन की तैयारियां स्थानीय जिला प्रशासन एसपीजी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आपसी समन्वय से हो रही है. कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा ही की जा रही है. सीएम शिवराज सिंह चौहान तैयारियां को जायजा लेने के लए 25 जून को स्वयं शहडोल जा रहे हैं.