MP Elections 2023: चुनावी साल में मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार (Shivraj Singh Chouhan Government) अब तक जहां गांवों को साधने की कोशिश कर रही था. वहीं अब शहरों पर भी सरकार मेहरबान हो गई है. शहरों को साधने के लिए सरकार नगरीय निकायों के माध्यम से जनता के बीच पहुंचने के प्रयास में है. इसके चलते सरकार ने राज्य की 413 नगरीय निकायों को 1193 करोड़ 50 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं, ताकि नगरीय निकाय जरूरत के मुताबिक शहरों में विकास कार्य करा सके. 


नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह के अनुसार मुख्यमंत्री शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर विकास योजना के चौथे चरण में 413 निकायों को सैद्धांतिक स्वीकृति जारी की गई है. निकायों के लिए कुल 1193 करोड़ 50 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है. मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया है कि इस राशि से सड़क निर्माण, शहरी यातायात सुधार, नगरीय सौन्दर्यीकरण, सामाजिक एवं खेल अधोसंरचनाएं, उद्यान विकास से जुड़े कार्यों के साथ ही निकाय के कार्यालय भवन निर्माण और उन्नयन के कार्य किए जाएंगे. मुख्यमंत्री शहरी अधो.संरचना विकास योजना का चौथा चरण 2 वित्तीय वर्षों के लिए लागू रहेगा.


निर्धारित की नगरीय निकायों की पात्रता
योजना में नगरीय निकायों की पात्रता भी निर्धारित की गई है. नगरपालिका निगम भोपाल, इंदौर, ग्वालियर एवं जबलपुर को 25 करोड़, उज्जैन को 15 करोड़, शेष 11 नगरपालिक निगमों को 8.8 करोड़ रुपये की पात्रता निर्धारित की गई है. नगर पालिका परिषदों में एक लाख से अधिक आबादी के 17 निकायों को 6.6 करोड़ रुपये और एक लाख तक की आबादी के 82 निकायों को 5.5 करोड़ रुपये की पात्रता है. इसी तरह नगर परिषदों में 25 हजार से अधिक आबादी में 21 निगमों को 3.3 करोड़ और 25 हजार से कम आबादी के 277 निकायों को डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपये की पात्रता निर्धारित की गई है. 


डिजाइन का सरकारी इंजीनियर करेंगे अनुमोदन
योजना में पात्रता अनुसार निर्माण कार्यों के प्रस्ताव शीघ्र तैयार कर मुख्यालय भेजने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही प्रस्तावित कार्य स्थल के स्वामित्व एवं आधिपत्य का प्रमाण निकाय को देना होगा. निर्देशित किया गया है कि प्रस्तावित कार्यों की डिजाइन शासकीय इंजीनियरिंग पॉलिटेक्निक कॉलेज से अनुमोदन कराकर ही निविदायें आमंत्रित की जाएंगी. निविदा उपरांत डिजाइन कराया जाना मान्य नहीं होगा.


योजना के उचित क्रियान्वयन के लिए नगर पालिक निगम परिषदए नगर पालिका परिषद या नगर परषिद के अधिकारों का उपयोग मेयर इन काउंसिल अथवा प्रेसिडेंट इन काउंसिल द्वारा किया जा सकेगा. निर्माण कार्यों की सतत मॉनीटरिंग के भी निर्देश दिए गए हैं.


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