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MP News: बिजली बिल में सुधार कराना नहीं होगा आसान, करना होगा ये काम, मुश्किल हुई प्रक्रिया

MP Power Department: एमपी में पूर्व की कमलनाथ सरकार ने 100 रुपये में 100 यूनिट देने की बात कही थी. बीजेपी ने भी योजना जारी रखा, लेकिन इस बीच बिजली बिलों को लेकर परेशानियां कम नहीं हो रही हैं.

MP Electricity Bill Issue: मध्य प्रदेश में बिजली बिल को लेकर परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है. इंदौर में भी बिजली बिल में सुधार को लेकर अब प्रक्रिया लंबी हो गई है और इस प्रक्रिया की लंबी होने के बाद में अब लोगों को परेशानी से दो-चार होना पड़ रहा है. आलम यह है कि अगर आपको बिल में सुधार करवाना है तो बिल की आधी राशि आपको अग्रिम जमा करना होगा.

दरअसल, 1000 से 5000 रुपए के बीच बिल में सुधार पहले जोन स्तर पर हो जाया करता था, लेकिन अब अधीक्षण यंत्री कार्यालय से बिलों में सुधार हो रहा है. जिसकी वजह से समय भी ज्यादा लग रहा है और लोग भी परेशान हो रहे हैं. हालांकि बिजली कंपनी इस बात से इत्तेफाक नहीं रखती है.

मध्य प्रदेश में पूर्व की कमलनाथ सरकार ने 100 रुपये में 100 यूनिट देने की बात कही थी. उस पर अमल करते हुए बीजेपी सरकार ने भी योजना को जारी रखा और अभी भी लोगों को 100 रुपये में 100 यूनिट दी जा रही है, लेकिन इसी बीच बिजली बिलों को लेकर परेशानियां कम नहीं हो रही हैं.

अगर आपका मीटर खराब है या मीटर में कोई गड़बड़ी है, उसके अलावा अगर आप शिकायत करें कि बिल ज्यादा आया है और उसे कम किया जाए तो हो सकता है आपको इसके लिए एक महीने से 3 महीने तक का समय देना पड़े.

अब यहां होती है बिजली बील में सुधार 

दरअसल बिजली बिलों में सुधार को लेकर अभी तक कोई बहुत बड़ा कदम नहीं उठाया गया है. पहले जोन स्तर पर ही इसमें सुधार कर दिया जाता था और 5000 रुपये तक के बिलों को सुधार करने का पावर स्थानीय जोन पर दिया गया था, लेकिन अब जो अधिकारियों से इस अधिकार को छीन लिया गया है और अब बिजली बिलों में सुधार की प्रक्रिया अधीक्षण यंत्री कार्यालय से होती है.

यानि 1000 रुपये के बिल में भी करेक्शन करवाना है तो आपको अधीक्षक यांत्रिक कार्यालय तक फाइल जाने और फिर वापस आने का इंतजार करना होगा. इस बीच आपको एक निश्चित राशि भी बिल की जमा करनी होगी, या यूं कहें कि बिल की आधी राशि जमा करने के बाद सुधार की प्रक्रिया शुरू होती है और उसमें भी अगर बिल कम होता है तो वह आगे जाकर एडजस्ट किया जा सकेगा.

नए नियम को लेकर लोगों में नाराजगी 

पहले होता यह था कि अगर बिल गड़बड़ आया है तो जोन कार्यालय पर ग्राहक का सारा डाटा होता था और उपभोक्ता के डेटा का उपयोग करते हुए हाथों-हाथ बिजली बिलों में सुधार कर दिया जाता था. इससे ग्राहकों को परेशानी नहीं होती थी, लेकिन अब उपभोक्ताओं को अधीक्षक यांत्रिक कार्यालय तक फाइल जाने और फिर वापस आने का इंतजार करना पड़ता है.

इस प्रक्रिया को लेकर लोगों में नाराजगी भी देखी जा रही है और लोगों का कहना है कि बिजली कंपनी ने जो नियम बनाया है वह उन्हें रास नहीं आ रहा है. निपानिया क्षेत्र के एक बिजली उपभोक्ता ने कहा की बिजली बिलों में बढ़ती हुई राशि और बिल सुधार को लेकर ज्यादातर लोग परेशान हो रहे हैं. इंदौर में ज्यादातर जोन पर सुनवाई नहीं होती और अगर होती भी है तो उसमें काफी समय लगता है. ऐसे में उपभोक्ता परेशान होता है.

ये है हकीकत

-ऑनलाइन सुधार होगा पर कुछ स्थानों पर उपलब्ध है सभी जगह नहीं.

-शिकायतों का निराकरण 90 तक में किया जा रहा है.

-आलम ये है कि जोन पर अफसर बस मुंह दिखाई को बैठे हैं.

-ऑनलाइन संशोधन या समाधान होगा पर आप पहले 8-10 प्रकार के दस्तावेज लगाएं.

बिजली बिल सुधार को लेकर शिकायतों में व्यापक कमी

कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि मध्य प्रदेश के पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की तरफ से गैर कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओं को प्रतिमाह स्पॉट पर पेपरलेस बिजली बिल दिए जा रहे हैं. जिसके कारण रीडिंग के ठीक तुरंत बाद बिल मिल रहा है, वहीं बिल को लेकर शिकायतों में भी भारी कमी देखी गई है.

उन्होंने बताया कि पिछले नौ माह में कंपनी ने 3.82 करोड़ बिजली बिल जारी किए. इसमें से बिजली बिल सुधार को लेकर मात्र 1 लाख 2 हजार शिकायतें दर्ज की गई. यह कुल जारी बिल संख्या का आधा प्रतिशत भी नहीं है. जिनकी शिकायतें दर्ज हुई है, ऐसे उपभोक्ताओं की शिकायत दर्ज करने के बाद जांच कराई गई. उन्हें शिकायतों के निराकरण से अवगत कराया गया है.

4 दिन में बिल सुधारने का दावा करती है कंपनी

कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि बिलिंग को लेकर मुख्यालय, रीजन और जिलों में दौरा किया जा रहा है. तोमर ने कहा कि बिल त्रुटिरहित हो, इसके लिए मीटर रीडरों को भी प्रशिक्षित किया गया. जारी बिलों की रैंडम जांच भी की जाती है. प्रबंध निदेशक तोमर ने बताया बिल सुधार प्रक्रिया के तहत जोन, वितरण केंद्र से ऑन लाइन व्यवस्था के तहत सुधार कार्यपालन यंत्री, अधीक्षण यंत्री के अनुमोदन के बाद हो रहा हैं.

उपभोक्ता वितरण केंद्र, जोन कार्यालय जाकर बिल सुधार संबंधी आवेदन दे सकता है, उसे कंपनी के किसी बड़े अफसर के ऑफिस तक जाने की जरूरत नहीं है. तोमर का दावा है कि विभागीय अधिकारियों की व्यस्तता और सप्ताह में दो छुट्टियों के बाद भी बिल सुधार प्रकिया 4 दिन में पूरी हो रही है.

ये भी पढ़ें: MP Politics: सात लोकसभा सीटों को कवर करेगी भारत जोड़ो न्याय यात्रा, राहुल गांधी एमपी में करेंगे अहम बैठक

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