MP News: मध्य प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए फौरी राहत देने वाली खबर सामने आई है. मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियों ने बिजली के दाम बढ़ाने के लिए विद्युत नियामक आयोग में दायर याचिका वापस ले ली है. इसका मतलब फिलहाल मध्यप्रदेश में बिजली के दाम नहीं बढ़ेंगे. दरअसल मध्य प्रदेश की तीन बिजली कंपनियों ने विद्युत नियामक आयोग में नवंबर माह में टैरिफ याचिका दायर की थी. याचिका में तकनीकी खामियों की वजह से विद्युत नियामक आयोग ने इस याचिका को रद्द कर दिया और कंपनियों ने याचिका वापस ले ली.
वितरण कंपनी ने 30 नवंबर 2021 डाली थी याचिका
राज्य की पूर्व क्षेत्र, मध्य क्षेत्र और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने 30 नवंबर 2021 को विद्युत नियामक आयोग में टैरिफ याचिका दायर की थी, लेकिन बिजली कंपनियों ने 3 दिसंबर 2021 को टैरिफ याचिका का अधिनियम प्रकाशित किया जो कि नियम के विरुद्ध था. इसीलिए विद्युत नियामक आयोग ने याचिकाओं को रद्द कर दिया और नई टैरिफ याचिका दायर करने के निर्देश दिए हैं.
बिजली के दाम न बढ़ाए जाएं
इस मामले पर बिजली क्षेत्र के जानकार राजेंद्र अग्रवाल का कहना है कि अब बिजली कंपनियों से मांग है कि आने वाले समय में जब नई टैरिफ याचिका दायर की जाए तो उसमें इस बात का ख्याल रखा जाए कि मध्यप्रदेश का आम उपभोक्ता पहले से ही महंगी बिजली खरीद रहा है. लिहाजा बिजली के दाम न बढ़ाए जाएं.
याचिका में क्या कहा गया था
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की तीन विद्युत वितरण कंपनियों ने विद्युत नियामक आयोग में जो याचिका प्रस्तुत की थी उसमें आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बिजली दरों में 8.71 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करने का प्रस्ताव दिया गया था. मध्य प्रदेश की पूर्व, मध्य और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से दायर की गई इस याचिका में कहा गया था कि आगामी वर्ष 2022-23 के लिए करीब 48 हजार 874 करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी और बिजली कंपनियों को करीब 3 हजार 915 करोड़ रुपए का घाटा लगेगा. लिहाजा मध्यप्रदेश में बिजली की मौजूदा दरों में करीब 8.71 फीसदी की बढ़ोतरी किया जाना चाहिए.
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