हाथियों की मौत पर CM मोहन यादव का एक्शन, फील्ड डायरेक्टर-प्रभारी एसीएफ निलंबित, बनेगी हाथी टास्क फोर्स
MP Elephant Death: बांदवगढ़ में हाथियों की मौत के मामले में एक्शन लेते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय हाथी टास्क फोर्स बनाई है. फील्ड डायरेक्टर और प्रभारी एसीएफ को सस्पेंड किया गया है.
MP Elephants Death: बांधवगढ़ में हुई हाथियों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एक्शन में हैं. सीएम ने बैठक आयोजित की, जिसमें राज्य स्तरीय 'हाथी टास्क फोर्स' गठित करने का निर्णय लिया गया. साथ ही सीएम ने बांधवगढ़ फील्ड डायरेक्टर और प्रभारी एसीएफ को निलंबित करने के निर्देश दिए.
सीएम मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में उमरिया जिले के वन क्षेत्र में पिछले दिनों 10 हाथियों की अलग-अलग दिन हुई मृत्यु की घटना दुखद एवं दर्दनाक है, जिसे राज्य शासन ने गंभीरता से लिया है. वन राज्य मंत्री सहित वरिष्ठ अधिकारियों के दल ने क्षेत्र का भ्रमण किया है.
प्रारंभिक रिपोर्ट में कोई कीटनाशक नहीं पाया गया है. पोस्ट मार्टम की विस्तृत रिपोर्ट आना शेष है. हाथियों के बड़े दल के रूप में आने की घटना गत दो तीन वर्ष में एक नया अनुभव भी है. उमरिया और सीधी जिले में बड़ी संख्या में हाथियों की मौजूदगी दिख रही है. ऐसे में फील्ड डायरेक्टर एवं अन्य अधिकारियों को सतर्क और सजग रहने की जरूरत है.
अवकाश पर जाना पड़ा महंगा
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हाथियों की मृत्यु की इतनी बड़ी घटना के समय फील्ड डायरेक्टर का अवकाश से वापस न आना और पूर्व में हाथियों के दल के संदर्भ में जो आवश्यक चिंता की जानी चाहिए, वह नहीं की गई. इस लापरवाही के लिए फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी को सस्पेंड किया गया. साथ ही प्रभारी एसीएफ फतेह सिंह निनामा को भी निलंबित किया गया.
केरल-कर्नाटक-असम जाकर करे अध्ययन
सीएम ने कहा कि बांधवगढ़ क्षेत्र एवं अन्य वन क्षेत्रों में हाथियों की रहने की अनुकूल और आकर्षक स्थिति हे. वन क्षेत्रों का प्रबंधन उत्तम होने से हाथियों के दल जो छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों से आया करते थे और वापस चले जाते थे वह अब वापस नहीं जा रहे हैं. यहां बड़े पैमाने पर हाथियों द्वारा डेरा डालने की स्थिति देखी जा रही है. यह मध्यप्रदेश की वन विभाग की गतिविधियों का हिस्सा बन गए हैं. ऐसे में हाथियों की आवाजाही को देखते हुए स्वाभाविक रूप से स्थाई प्रबंधन के लिए शासन के स्तर पर हाथी टास्क फोर्स बनाने का निर्णय लिया जा रहा है.
हाथियों को अन्य वन्य प्राणियों के साथ किस तरह रहवास की सावधानियां रखना चाहिए, इसके लिए योजना बनाई जा रही है. इसमें कर्नाटक, केरल और असम राज्यों की बेस्ट प्रेक्टिसेस को शामिल किया जाएगा. इन राज्यों में बड़ी संख्या में हाथी रहते हैं. इन राज्यों में मध्यप्रदेश के अधिकारियों को भेजा जाएगा, जिससे सहअस्तित्व की भावना के आधार पर हाथियों के साथ बफर एरिया, कोर एरिया में बाकी का जन जीवन प्रभावित न हो, इसका अध्ययन किया जाएगा. हाथियों की सुरक्षा को खतरा न हो. इस पर हमने गंभीरता से विचार किया है.
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