MP News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर घर जल मुहिम पर एमपी के अफसर पानी फेर रहे हैं. मध्य प्रदेश में जल जीवन मिशन कार्य कछुआ गति से चल रहा है. सिस्टम की लापरवाही ने मध्य प्रदेश को देश में 25 वां स्थान मिला है. प्रदेश के आधे से ज्यादा जिलों में इस मिशन के हालत खराब हैं. आलम यह है कि 26 हजार गांवों में योजना के तहत प्लान तक नहीं बना है.
तीन जिलों में हुए हैं 22 फीसदी काम
जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश के आधे से ज्यादा जिलों में हालत बहुत खराब है. एमपी के 33 जिलों में तो अभी तक आधा काम भी नहीं हो पाया है. मध्य प्रदेश के 51 हजार 548 गांवों में से शासन ने छह हजार 747 गांवों में योजना के तहत 100 फीसदी काम पूरा होने का दावा किया, लेकिन जब जांच की गई तो महज दो हजार 110 गांव ही सत्यापित हो पाए, जबकि प्रदेश के तीन जिले छतरपुर, सतना और पन्ना में तो इस मिशन के बहुत बुरे हाल है यहां केवल 22 फीसदी से कम कार्य हो पाया है.
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2019 में शुरू हुआ था मिशन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुहिम के अनुरूप केंद्र सरकार ने गांव-गांव-घर-घर में स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए 15 अगस्त 2019 में जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी. हर घर प्रतिदिन, प्रति व्यक्ति 55 लीटर स्वच्छ जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस मिशन का काम साल 2024 में पूर्ण किया जाना निर्धारित है, लेकिन मध्य प्रदेश में योजना के तीन साल बीत जाने के बाद भी हाल खराब है. अभी प्रदेश के आधे जिलों में भी काम पूर्ण नहीं हो सकता है.
गौरतलब है कि जब जल जीवन मिशन को लेकर पड़ताल की गई तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ग्रह गांव जैत पहुंचे. जहां पर एक साल पहले मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन के अफसरों को फटकार लगाई थी, लेकिन एक साल बाद भी काम पूरा नहीं हो पाया है. ग्रामीण ओम प्रकाश केवट कदीर खान बताते हैं कि मुख्यमंत्री के कहने के बाद भी अफसर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं, यह खुद उनका गृह गांव है. जहां पर हम सरकारी योजनाओं के लिए परेशान हैं. केवल नल लगा कर चले गए हैं, लेकिन टोटी तक नहीं लगाई गई है.