MP Exit Poll 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा का चुनाव 17 नवंबर को कराया गया. चुनावी नतीजे तीन दिसंबर को आएंगे लेकिन इससे पहले पहले एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ गए हैं. एग्जिट पोल के मुताबिक अपने गढ़ महाकौशल में एक बार फिर कांग्रेसी (Congress) दिग्गज कमलनाथ (Kamal Nath) शानदार प्रदर्शन करते दिख रहे हैं. साल 2018 के चुनाव की भांति उस बार भी महाकौशल इलाके में कमलनाथ का जादू बरकरार है. एबीपी न्यूज़ और सी वोटर के एक्जिट पोल में महाकौशल में कांग्रेस फिर से बढ़त लेती नजर आ रही है. ओपिनियन पोल के मुताबिक महाकौशल में कांग्रेस और बीजेपी (BJP) के बीच वोटों का अंतर भी तीन प्रतिशत का है, जो मध्य प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता की चाबी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है.


सबसे पहले, पूरे मध्य प्रदेश की बात की जाए तो एबीपी न्यूज़ और सी वोटर के एक्जिट पोल के अनुसार  कांग्रेस सत्ता में वापस आती दिख रही है. इस एक्जिट पोल में कांग्रेस को 113 से 137 सीटें मिलती दिख रही है. वहीं बीजेपी 88 से 112 सीटों पर सिमटती दिख रही है. बीएसपी,समाजवादी पार्टी,आम आदमी पार्टी और निर्दलीयों को दो से आठ सीटें मिल सकती हैं. सीधे मुकाबले में कांग्रेस को 44% और बीजेपी को 41% वोट मिलते नजर आ रहे हैं. 15% वोट अन्य के खाते में जा रहे हैं.


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छिंदवाड़ा में दिखा कमलनाथ का जादू 


यहां बताते चले कि इस चुनाव में कांग्रेस का सीएम फेस और पीसीसी चीफ कमलनाथ सूबे के महाकौशल इलाके के छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ रहे हैं.  दरअसल,पिछले 40 सालों से छिंदवाड़ा जिले की चुनावी राजनीति में कमलनाथ का एक छत्र राज रहा है. साल 2018 के चुनाव में भी कमलनाथ मैजिक के चलते कांग्रेस ने छिंदवाड़ा जिले की सभी 7 सीटें जीत ली थी.


एबीपी न्यूज़ और सी वोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक महाकौशल क्षेत्र की 42 सीटों में से कांग्रेस को 22 से 26 सीटें मिल सकती हैं. इसी तरह बीजेपी के खाते में 16 से 20 सीटें जाती दिख रही है. शून्य से एक सीट अन्य को मिल सकती है. वैसे महाकोशल में जबलपुर संभाग के आठ जिले जबलपुर, छिंदवाड़ा, कटनी, सिवनी,नरसिंहपुर, मंडला, डिंडोरी और बालाघाट आते हैं. इन आठ जिलों में 38 विधानसभा सीटें हैं. सी-वोटर ने अपने एक्जिट पोल में दमोह जिले की चार सीटों को भी महाकोशल में शामिल किया है. इस वजह से 42 सीटों के एक्जिट पोल में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस अपना पुराना प्रदर्शन दोहराते दिख रही है.


यहा लगी थी बीजेपी को निराशा 


दरअसल, महाकोशल के परिणाम हमेशा ही चौकाने वाले रहे हैं. साल 2018 के चुनाव में बीजेपी को महाकोशल इलाके से निराशा हाथ लगी थी. इसकी बड़ी वजह आदिवासियों की नाराजगी मानी गईं थी. कांग्रेस ने कमलनाथ को सीएम का चेहरा बनाकर चुनाव लड़ा था. इससे उनके गृह जिले छिंदवाड़ा की सभी 7 सीटें कांग्रेस ने जीत ली थीं. इसी तरह महाकोशल के एपिसेंटर जबलपुर जिले में भी कांग्रेस को 8 में से 4 सीट मिली थी. साल 2018 में महाकोशल की कुल 42 विधानसभा सीटों (दमोह भी शामिल) में से 25 कांग्रेस के खाते में गई थी,जबकि बीजेपी को सिर्फ 15 सीट पर संतोष करना पड़ा. एक सीट निर्दलीय और बीएसपी ने जीती थी.


एग्जिट पोल के नतीजे


रीजन-महाकौशल


सीट- 42


किस पार्टी को कितनी फीसदी
वोट


कांग्रेस-45%


बीजेपी-41%


अन्य-14%


किस पार्टी को कितनी सीटें


रीजन-महाकौशल


सीट- 42


कांग्रेस-22-26


बीजेपी-16-20


अन्य-0-1


यहां बताते चले कि साल 2018 में 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 114, बीजेपी को 109, बहुजन समाज पार्टी को दो, समाजवादी पार्टी को एक और निर्दलीय के रूप में चार प्रत्याशी चुनाव जीत कर आए थे. उस समय निर्दलीय प्रत्याशियों में सुसनेर से विक्रम सिंह राणा, भगवानपुर सीट से केदार चिड़ा. भाई डाबर, बुरहानपुर से ठाकुर. सुरेंद्र सिंह, वारासिवनी से प्रदीप. जायसवाल जीते थे और सरकार बनाने में निर्दलीयों का हाथ था.


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