Bhopal News: केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार का अंतिरम बजट एक फरवरी को पेश होने वाला है. एक बार फिर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. केन्द्र सरकार के अंतरिम बजट को लेकर एबीपी लाइव ने किसानों से चर्चा किया. किसानों ने बताया कि केन्द्र के अंतरिम बजट में किसानों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. अगर किसान मजबूत होगा, ऐसी स्थिति में देश अपने आप मजबूत होगा.
किसान मानसिंह परमार और एम एस मेवाडा का कहना है कि सरकार सालाना 6000 रुपये किसान सम्मान निधि दे रही है, लेकिन इस बढ़ती महंगाई के दौर में 6000 रुपये पर्याप्त नहीं है. किसानों की सम्मान निधि में इजाफा होना चाहिए, जिससे किसान को कुछ हद तक लाभ मिल सके.
'उचित दाम पर गांव में हो खरीदी'
खजूरी गांव के किसान गंगाराम मालवीय बताते हैं कि हमारे पास ज्यादा जमीन नहीं है. 8 से 10 क्विंटल गल्ला होता है, ऐसे में गाड़ी किराए पर लेने के बाद मंडी तक उपज लेकर जाते हैं. मंडी में काफी भीड़ होती है, नंबर आने में एक से दो दिन लगते हैं. जिसकी वजह से किराए से ली गई गाड़ी का भाड़ा भी बढ़ता है. सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे छोटे किसानों की उपज उचित दाम में गांव से ही खरीदी हो जाए.
'खाद-बीज के दाम हों कम'
बरखेड़ी गांव के किसान रामदयाल राजपूत कहते हैं कि जैसे दावा किया जा रहा है कि खेती फायदे का धंधा है, वास्तविकता में ऐसा नहीं है. अब खेती करने में बहुत लागत आती है. उन्होंने कहा कि खाद, बीज, दवा बहुत महंगी आती है. इसके अलावा प्राकृतिक आपदाओं की वजह से फसलें प्रभावित होती हैं, जिससे उत्पादन बहुत कम होता है. किसान रामदयाल राजपूत के मुताबिक, सच में अगर खेती को लाभ का धंधा बनाना है तो खाद-बीज-दवाओं के दामों में कमी लाना होगी.
'अमानक खाद-बीज बेचने वालों पर हो सख्ती'
इसी तरह एक अन्य किसान महेश मेवाड़ा का कहना है कि जगह-जगह चौक चौराहों पर खाद बीज की दुकानें खुल गई हैं. खास बात यह है कि इन दुकानदारों द्वारा अमानक स्तर के खाद बीज बेचे जाते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसा कानून बनाना चाहिए जिससे विभाग की कार्रवाई के दौरान अमानक स्तर के खाद बीज मिलने पर संबंधित दुकानदार के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई हो.
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