Nuclear Power House In Mandla : मध्य प्रदेश के मंडला जिले में प्रदेश के पहले परमाणु बिजली घर (Nuclear Power Plant) बनने का रास्ता साफ हो गया है. यहां के चुटका गांव में प्रस्तावित परमाणु बिजली घर के लिए सभी जरूरी अनुमतियां मिल गई हैं. जानकारी हो कि केंद्र सरकार की ओर से चार राज्यों में 10 परमाणु रिएक्टरों का निर्माण किया जा रहा है. ये रिएक्टर 2031 तक स्थापित हो जाएंगे. इन पर 1 लाख 50 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी
यहां बता दे कि लोकसभा में बुधवार को केन्द्रीय परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से चार राज्यों में स्वीकृत 10 परमाणु रिएक्टरों में से एक रिएक्टर चुटका में बनेगा. ये रिएक्टर 2031 तक स्थापित हो जाएंगे. इनकी अनुमानित लागत 1 लाख 50 हजार करोड़ रुपये है. केंद्रीय मंत्री सिंह ने कहा कि सरकार ने परमाणु रिएक्टरों की स्थापना के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) या विशेष सरकारी एजेंसियों को जिम्मेदारी दी है.
इन राज्यों में भी होगा निर्माण
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार ने फ्लीट मोड में 700 मेगावाट के 10 स्वदेशी हैवी वाटर रिएक्टर्स के लिए प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है. चुटका के अलावा बाकी परमाणु रिएक्टर कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के कैगा, राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के माही और हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गांव में स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है.
चुटका में स्थापित होंगे दो प्लांट
बताया गया है कि केंद्र सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के अधीन काम करने वाला न्यूक्लियर पॉवर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआईएल) चुटका गांव में 700 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता के दो न्यूक्लियर प्लांट स्थापित करेगा. इनसे कुल 1400 मेगावाट बिजली पैदा होगी. केंद्र और राज्य सरकार के बीच हुए करार के मुताबिक इस प्लांट में पैदा होने वाली 50 फीसदी बिजली राज्य को मिलेगी, जबकि 50 फीसदी सेंट्रल पूल में जाएगी.
साल 2009-2010 में मिली थी मंजूरी
दरअसल, मंडला जिले के चुटका में परमाणु बिजली संयंत्र की स्थापना के लिए साल 2009-2010 में केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने संयुक्त रूप से मंजूरी दे दी थी. इसके लिए 1500 एकड़ जमीन चिह्नित कर भूमि अधिग्रहण किया जा चुका है. जमीन न्यूक्लियर पावर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया को हैंडओवर हो चुकी है.
गांव नहीं छोड़ना चाहते हैं ग्रामीण
चुटका के सभी 330 परिवारों के पुनर्वास के लिए नया गांव बसाया गया है. ये सभी आदिवासी परिवार हैं. हालांकि, स्थानीय ग्रामीण मुआवजा लेने के बावजूद चुटका छोड़कर जाने को तैयार नहीं हैं. वे लगातार विरोध कर रहे हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने चुटका से जबलपुर स्थित संभागीय मुख्यालय तक पैदल मार्च भी किया था. ग्रामीणों के विरोध के कारण प्रोजेक्ट का काम लंबे समय से अटका था. इसी बीच अगस्त 2022 में पीएमओ ने राज्य सरकार को चुटका परमाणु बिजलीघर के निर्माण के रास्ते में आ रही अड़चनों दूर करने के निर्देश दिए थे. अब तमाम विरोध को दरकिनार करते हुए प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा दिया गया है.
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