Madhya Pradesh Cabinet: पहली बार MLA बने और मिल गया मंत्री पद, इन 7 विधायकों को इस वजह से मिली कैबिनेट में जगह
MP Cabinet: अधिकतर कहा जाता है कि पहली बार विधायक बनते ही मंत्री पद मिलना संभव नहीं है, लेकिन मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार ने सात मंत्रियों को पहली बार विधायक बनते ही शपथ दिला दी.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के मंत्रिमंडल में सोमवार (25 दिसंबर) को ऐसे विधायकों ने शपथ ली जो पहली बार विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे. इनमें बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद राकेश सिंह सहित कई जूनियर विधायक भी शामिल हैं. बीजेपी ने इस नए प्रयोग के जरिए सभी विधायकों के लिए मंत्री पद के दरवाजे खोल दिए हैं.
भारतीय जनता पार्टी का दावा है कि यहां परफॉर्मेंस के आधार पर हमेशा पद मिलते आया है. इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि सीनियर-जूनियर का भेद तक नहीं देखा जाता. शायद यही वजह है कि मुख्यमंत्री के रूप में डॉक्टर मोहन यादव की ताजपोशी के जरिए भारतीय जनता पार्टी ने पूरे प्रदेश में नया संदेश दे दिया. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी छोटे से छोटे कार्यकर्ता को बड़े से बड़े पद पर पहुंचा सकती है.
पहली बार विधायक बने और सीधे बन गए मंत्री
इसके एक-दो नहीं बल्कि देश में कई उदाहरण देखने को मिले हैं. उन्होंने कहा कि सात विधायकों को पहली बार मंत्री बनाया गया है, इनमें कुछ विधायक जूनियर भी हैं. इससे पार्टी ने संदेश दे दिया है कि अच्छा काम करने वाले किसी भी विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है. डॉक्टर मोहन यादव मंत्रिमंडल में 28 विधायकों ने शपथ ली है. इनमें 18 कैबिनेट मंत्री हैं जबकि 6 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री हैं और चार विधायकों को राज्य मंत्री बनाया गया है, जो पहली बार विधानसभा चुनाव जीत कर मंत्री बने हैं. उनमें दिग्गज नेता प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह के नाम भी शामिल हैं. इनके अलावा संपतिया उइके, प्रतीमा बागरी, नरेंद्र पटेल, दिलीप अहिरवार, राधा सिंह शामिल हैं.
इन विधायकों को मंत्री बनाने के पीछे कई बड़े कारण
इस बार डॉ मोहन यादव मंत्रिमंडल का विस्तार आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए किया गया है. पहली बार जो विधायक बने हैं उनमें दो दिग्गज नेता शामिल हैं जिन्हें मंत्री बनाया जाना पहले ही तय था, लेकिन शेष विधायकों को जातिगत समीकरण, महिला सेक्टर और उच्च शिक्षा और परफॉर्मेंस के आधार पर जगह मिली है. इसके अलावा पार्टी ने और कई मापदंड भी रखे थे.
प्रतिमा बागरी जहां उच्च शिक्षा में हैं, वहीं राधा सिंह ने कांग्रेस के प्रत्याशी को ऐतिहासिक मतों से हराया था. नरेंद्र पटेल कई बड़े पदों पर रह चुके हैं और वह इंजीनियर भी हैं उनका पूरा परिवार कई दशक से बीजेपी से जुड़ा है. इनके अलावा संपतिया उइके आदिवासी नेत्री होने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पदों पर चुनाव जीत चुकी हैं. दिलीप अहिरवार को लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत रखते हुए मंत्री बनाया गया है. उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता को परास्त किया था.