MP Congress Focus on Gwalior Chambal Region: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए एक साल से अधिक समय बाकी है. लेकिन कांग्रेस ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. 2018 में बनी कांग्रेस की सरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलग होने के बाद गिर गई थी. सिंधिया के प्रभाव वाले ग्वालियर चंबल अंचल पर कांग्रेस का ज्यादा फोकस है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ 23 फरवरी को भिंड जिले के दौरे पर रहेंगे. भिंड में कमलनाथ एक आम सभा को संबोधित करेंगे. इस मौके पर सीमावर्ती जिलों के कार्यकर्ताओं से भी फीडबैक लेंगे.


ग्वालियर चंबल संभाग को साधने निकलेंगे कमलनाथ


गौरतलब है कि मध्यप्रदेश की राजनीति में ग्वालियर चंबल अंचल की बेहद अहमियत है. ग्वालियर चंबल अंचल में ग्वालियर और चंबल संभाग के कुल 8 जिले हैं. 8 जिलों में विधानसभा की 34 सीटें आती हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 34 सीटों में से 20 पर कब्जा जमाया था. हालांकि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का दबदबा रहा और 26 सीटों पर जीत मिली. बीजेपी को 2013 के मुकाबले 13 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था और 2018 में 7 सीटों पर सिमट गई.


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क्या सिंधिया के गढ़ में कांग्रेस दोहराएगी इतिहास?


ग्वालियर चंबल अंचल केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के दबदबे वाला इलाका माना जाता है. साल 2020 में 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में 16 सीटें ग्वालियर चंबल अंचल की ही थीं. विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल कर एक बार फिर ग्वालियर चंबल में कांग्रेस को पटखनी दी. सिंधिया ताकत दिखाने में कामयाब रहे. यही वजह है कि अगले साल होनेवाले चुनाव में ग्वालियर चंबल अंचल के नतीजों पर सभी की निगाहें टिकी होंगी. 


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