मध्यप्रदेश को देश का दिल कहते हैं, यह अपनी खूबसूरती कला और संस्कृति की वजह से देश भर में एक अलग पहचान रखता है. मध्यप्रदेश भारत का संपूर्ण दर्शन करवाता है. क्योंकि इस राज्य में भारत का संपूर्ण झलक देखने को मिलता है. 


मध्य प्रदेश 1 नवंबर को अपना 66वां स्थापना दिवस मना रहा है. यानि आज ही के दिन मध्य प्रदेश की स्थापना हुई थी. आज इस खास दिन पर हम आपको स्थापना दिवस की स्टोरी बताने जा रहे हैं. 


ऐसे हुआ मध्य प्रदेश का गठन


आज से 66 साल पहले मध्य प्रदेश का गठन हुआ था, लेकिन इसकी स्थापना की कहानी काफी ज्यादा पुरानी है. आयोग के सामने तमाम तथ्यों को रखने के लिए पंडित रविशंकर शुक्ला के नेतृत्व में सभी कौशल नेताओं की बैठक की गई. जिसमें निर्णय लिया गया कि ग्वालियर, कौशल , चंबल और आस पास के सभी हिस्सों को जोड़कर उत्तर प्रदेश जैसा एक बड़ा राज्य बनाया जाएगा. 


राज्य के पुनर्गठन की जिम्मेदारी द्धारका प्रसाद मिश्र और घनश्याम सिंह गुप्ता को दी गई. ढ़ाई साल तक विचार विमर्श करने के बाद यह फैसला लिया गया. तब जाकर मध्य प्रदेश का स्वरूप सामने आया. 


गठन से पहले ऐसा था मध्य प्रदेश


दरअसल, मध्य प्रदेश का अस्तित्व ब्रिटिश शासन से ही था, उस समय मध्य प्रदेश को सेंट्रल इंडिया के नाम से जाना जाता था. जो कि तीन पार्ट में बंटा हुआ था, पार्ट ए, पार्ट बी और पार्ट सी. इस वक्त भोपाल में नवाबी शासन था. यहीं नहीं सभी पार्ट की अलग-अलग राजधानी भी थी. 


भोपाल राजधानी बनने की कहानी


ढ़ाई साल तक चली मशक्कत के बाद से आखिर कर मध्य प्रदेश का गठन तो हो गया लेकिन सभी के दिल में बसने वाला मध्य प्रदेश की कहानी भी अलग है. गठन के वक्त ग्वालियर, इंदौर और जबलपुर मध्य प्रदेश के हिस्से में थे. ऐसे में इन तीनों शहर के नेता चाहते थें कि उनका शहर राजधानी बनें, लेकिन इन सभी सवाल के बीच अचानक भोपाल का नाम सामने आया . 


भले ही बाकी शहरों का नाम राजधानी के लिए चल रहा था लेकिन ऐसे में उस समय के मौजूदा राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था, मध्य प्रदेश के बीचो बीच बसा भोपाल को राजधानी बनाना चाहते थें. उन्होंने अपनी इस बात को देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु के सामने  रखी. उनका यह प्रस्ताव नेहरू जी को पसंद आया और उन्होंने इसी स्वीकार कर लिया . 


तबसे लेकर आज तक मध्य प्रदेश ही है भोपाल की राजधानी. अब मध्य प्रदेश में 52 जिलें , 230 विधानसभा सीटें और 29 लोकसभा सीटें हैं. 


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