MP FPO Scheme: मध्य प्रदेश में किसानों को संगठन में बांधकर व्यापक स्तर पर लाभ पहुंचाने की सरकार की एफपीओ योजना धीरे-धीरे गति पकड़ रही है. इस योजना के जरिए जुड़े 140 एफपीओ का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू हो गया है. केंद्र और प्रदेश सरकार एफपीओ को हर संभव मदद कर रही है ताकि खेती को लाभ का व्यापार बनाया जा सके और किसानों को एक पेशेवर व्यापारी के रूप में बाजार में उतारा जा सके.
मध्य प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि भारत सरकार द्वारा किसानों के उत्थान के लिए एफपीओ योजना बनाई गई है. किसान उत्पादक कंपनी से जुड़कर मध्य प्रदेश के हजारों किसान लाभान्वित हो रहे हैं. एफपीओ अर्थात किसान उत्पादक कंपनी का सरकार के नियम अनुसार कंपनी एक्ट में रजिस्ट्रेशन कराया जाता है. इसके बाद एफपीओ को भारत सरकार द्वारा निर्धारित संस्थाओं से प्रशिक्षण होता है. एफपीओ का मुख्य उद्देश्य किसानों को एक सूत्र में बांधना है.
मध्य प्रदेश में अभी और बनेंगे एफपीओ
उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में वर्तमान में 140 एफपीओ बन चुके हैं. प्रत्येक एफपीओ में शर्त के अनुसार कम से कम 300 किसान होना चाहिए. इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को व्यापक पैमाने पर लाभ पहुंचाना है. सरकार द्वारा एक जिले के एक उत्पाद को प्रमोट करने के साथ-साथ किसानों को सीधे कंपनियों से जोड़ना है ताकि बिचौलिएं खत्म हो जाए. कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि अभी मध्य प्रदेश में 100 से ज्यादा और एफपीओ बनना है. इसके लिए नाबार्ड एजेंसी को अधिकृत रूप से जिम्मेदारी दी गई है.
एफपीओ से किसानों को होगा लाभ: कमल पटेल
उन्होंने बताया कि किसान नाबार्ड के दफ्तर जाकर आवश्यक दस्तावेज की कार्रवाई कर अपना एफपीओ बना सकते हैं. इतना ही नहीं जिले के कलेक्टर से भी एफपीओ को लेकर मदद मांगी जा सकती है. यह एफपीओ जैसे-जैसे संगठित रूप में आगे बढ़ेगा, वैसे-वैसे किसानों को बड़े पैमाने पर लाभ मिलेगा. जब किसान एफपीओ के माध्यम से संगठित हो जाएंगे तो उन्हें खाद बीज और अन्य सामग्री थोक में खरीदने के दौरान सीधे कंपनी से संपर्क करना पड़ेगा. कंपनी भी अधिक मात्रा में सामान की खरीद फरोख्त की वजह से उन्हें व्यापक पैमाने पर लाभ पहुंचाएगी.
सरकार 2 करोड़ रुपये तक की बैंक को देगी गारंटी
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि जब फसल और सब्जी आदि का विक्रय करना होगा, तब भी एफपीओ के माध्यम से बड़े स्तर पर जाकर किसान सौदा कर सकते हैं. वर्तमान समय में किसान असंगठित होकर अलग-अलग फसल का सौदा करते हैं, जिससे बिचौलियों को लाभ मिलता है. उन्होंने बताया कि यदि एफपीओ के माध्यम से अगर किसानों द्वारा 15 लाख रुपये की राशि एकत्रित की जाती है तो 15 लाख रुपये भारत सरकार द्वारा अनुदान दिया जाएगा. इसके अतिरिक्त एफपीओ क्रेडिट गारंटी के रूप में 2 करोड़ रुपये तक की सरकार बैंक को गारंटी देगी.
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