मध्य प्रदेश में G-20 समित में शामिल होने आए 20 देशों के प्रतिनिधि भ्रमण के लिए रायसेन (Raisen) जिले के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सांची (Sanchi) पहुंचे. यहां सभी अतिथि स्तूप देखकर अभिभूत हुए और उन्होंने इसे विश्व शांति की भूमि बताया. 20 देशों के प्रतिनिधियों के स्तूप परिसर में पहुंचने पर सभी का भारतीय संस्कृति अनुसार तिलक लगाकर और पुष्प भेंट कर भव्य स्वागत किया गया. G-20 प्रतिनिधियों के लिए प्रवेश द्वार पर आकर्षक रंगोली बनाई गई थी और विशेष साज-सज्जा भी की गई थी. शांति का टापू कहे जाने वाले सांची में हुए आत्मीय स्वागत से सभी प्रतिनिधि बेहद खुश हो गए. यहां स्कूली बच्चों ने भी बैंड की धुन बजाकर और जयहिंद का उद्घोष कर अतिथियों का स्वागत किया.
कोरोना काल में सभी देशों ने मंदी का सामना किया है, ऐसे में G-20 देशों की क्या योजना है? इससे उबरने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं? इसके जवाब में जर्मनी से आए प्रतिनिधि ने बताया कि मुझे ऐसा लगता है कि सभी विकासशील देशों में कोविड 19 और रशिया-यूक्रेन युद्ध सबसे ज्यादा प्रभावित कर रहा है. उदाहरण स्वरूप मानव विकास का ग्राफ नीचे की ओर जाना इस बात का सूचक है कि इन दोनों परिस्थितियों ने विकासशील देशों को झकझोर दिया है. इसमें एशियन, अफ्रीकन और लैटिन अमेरिकन देश शामिल हैं.
मंदी से जूझ रहे विकासशील देश- जर्मन प्रतिनिधि
इन देशों को विकसित देशों और ओईसीडी (OECD) जैसे समूह ने नजरंदाज किया, क्योंकि वो अपनी अंदरूनी समस्याओं को सुलझाने में व्यस्त थे. वहीं ये बात सही है कि विकासशील देशों ने मंदी का सामना किया है. उन्होंने बताया कि हम आशा करते हैं कि आने वाले समय में परिस्थिति जरूर बदलेगी और हम ये भी जानते हैं कि 2023 में भी विकासशील देश मंदी से गुजर रहे हैं. यही वो समय है जब ये देश विकसित देश और ओईसीडी जैसे समूहों की तरफ आशा भरी नजरों से देख रहे है.