'एक साल में कितनी बढ़ी अचल संपत्ति?', MP सरकार ने कर्मचारियों से मांगा हिसाब
MP News: एमपी सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने पत्र जारी कर सभी शासकीय कर्मचारियों से 31 दिसंबर 2024 तक अचल संपत्ति का ब्योरा मांगा है, जिसे ऑनलाइन अपलोड की जानी है.
MP News: मध्य प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से एक पत्र जारी किया गया है. उप सचिव जयेंद्र कुमार विजयवत ने पत्र जारी करते हुए मंत्रालय के सभी कर्मचारियों का मध्य प्रदेश सिविल सेवा नियम 1965 के तहत नियम 19 के अंतर्गत वर्ष 2024 की अचल संपत्ति विवरण पत्रिका ऑनलाइन प्रस्तुत करने को कहा है.
यह पत्र सभी तृतीय श्रेणी कर्मचारी मंत्रालयीन के साथ-साथ शासकीय सेवक, स्टेनो टाइपिस्ट, तकनीकी संवर्ग एवं मंत्री स्थापना में पदस्थ कर्मचारी और वल्लभ भवन भोपाल में शासकीय सेवक के लिए जारी किया गया है.
पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि मध्य प्रदेश सिविल सेवा अधिनियम के तहत प्रत्येक शासकीय सेवक को प्रतिवर्ष जनवरी माह में अचल संपत्ति के संबंध में निर्धारित प्रपत्र को पूर्ण कर विवरण प्रस्तुत करना है. आदेश में यह भी लिखा गया है कि यदि किसी प्रकार की घटनाएं आती है तो NIC ई-ऑफिस PMU टीम मेंबर्स से संपर्क किया जा सकता है. यह जानकारी 31 जनवरी 2025 तक ऑनलाइन अनिवार्य रूप से प्रस्तुत किया जाना है.
कांग्रेस बोली- मंत्रियों से भी पूछे सरकार
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मोहन यादव सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि सरकारी कर्मचारी तो अपनी प्रॉपर्टी की जानकारी दे देंगे, मगर सरकार को पहले अपने मंत्रियों से भी जानकारी लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को कोसने से करप्शन कम नहीं होगा.
'बीजेपी ने ही शुरू की यह परंपरा'
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी सचिन सक्सेना ने जीतू पटवारी के आरोप पर कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने ही यह परंपरा शुरू की है, जिसमें कर्मचारियों से लेकर मंत्री तक सभी को अपनी संपत्ति का विवरण देना है. जितनी पारदर्शिता भारतीय जनता पार्टी की सरकार में है, उतनी पारदर्शिता किसी राजनीतिक दल ने आज तक नहीं रखी है.
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