चीतों के बाद अब MP में जिराफ और जेब्रा बसाने की तैयारी, भोपाल वन विहार ने भेजा प्रस्ताव
वन मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में जंगल अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैं. हमारा वादा है कि भारत आनेवाले चीते पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे. इसलिए वन विभाग जिराफ और जेब्रा को लाने के प्लान का अध्ययन कर रहा है.
नामीबिया (Namibia) से भारत (India) लाए गए आठ चीतों (Cheetah) के बाद अब जिराफ (Giraffe) और जेब्रा (Zebra) की बारी है. सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश (MP) में जिराफ और जेब्रा बसाने की तैयारी है. भोपाल (Bhopal) के वन विहार नेशनल पार्क प्रबंधन ने ने केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ( Central Zoo Authority of India) को प्रस्ताव भेजा है.
एबीपी न्यूज़ को वन मंत्री कुंवर विजय शाह (Kunwar Vijay Shah) ने बताया है कि प्रदेश का वातावरण जेब्रा और जिराफ के लिए अनुकूल है. इसलिए शिवराज सिंह चौहान सरकार (Shivraj Singh Chouhan) का प्रयास है कि पर्यावरण संतुलन को बढ़ाने के लिए जिराफ और जेब्रा भी लाया जाए. उन्होंने कहा कि अगर कीमत देनी पड़ी या अदला बदली की नौबत आने पर भी सरकार तैयार है.
चीतों के बाद अब जेब्रा और जिराफ की बारी
वन विहार नेशनल पार्क (Van Vihar National Park) को चिड़ियाघर की मान्यता प्राप्त है. इसलिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को जिराफ और जेब्रा लाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. उन्होंने कहा कि राजधानी के बीचो बीच स्थित होने के कारण वन विहार नेशनल पार्क भारत में अनोखा है. इसलिए पार्क प्रबंधन अब कुछ नया करने के लिए आगे बढ़ रहा है. वन मंत्री विजय शाह ने बताया कि वन विभाग (Forest Department) जिराफ और जेब्रा अभियान का अध्ययन कर रहा है. अगर अभियान सफल रहा तो आनेवाले कुछ दिनों में जिराफ और जेब्रा भी दिखाई देंगे.
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वन विभाग मास्टर प्लान का अध्ययन कर रहा
गौरतलब है कि 17 सितंबर को कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने जन्मदिन पर चीतों को छोड़ा. 70 साल बाद भारत में चीतों की वापसी से खुशी का माहौल है. वन मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में जंगल अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैं. हमारा वादा है कि भारत आनेवाले चीते पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे. इसलिए वन विभाग जिराफ और जेब्रा को भारत लाने के मास्टर प्लान का अध्ययन कर रहा है.