Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में जबलपुर (Jabalpur) की धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (DNLU) ने छात्राओं को मासिक धर्म (menstruation) की छुट्टी देने का  फैसला लिया है. धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ने अगस्त महीने से शुरू हुए नए सेमेस्टर से महिला छात्रों के लिए मासिक धर्म अवकाश का आदेश जारी किया. यह मध्य प्रदेश के साथ देश की पहली लॉ यूनिवर्सिटी है, जिसने छात्राओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है. विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति डॉ. शैलेश एन हाडली के मुताबिक, स्टूडेंट बार एसोसिएशन ने छात्राओं को मासिक धर्म की छुट्टी देने की मांग लंबे समय से की थी. 


इसके मद्देनजर हमने अपने डीन छात्र कल्याण के माध्यम से इस सेमेस्टर से छुट्टी देने का फैसला किया है. उन्होंने आगे कहा कि, ये छुट्टियां सभी स्टूडेंट्स को प्रत्येक सेमेस्टर में सांस्कृतिक और अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए दी जाने वाली छह छुट्टियों का हिस्सा होंगी. छात्रायें मासिक धर्म के दौरान इन छुट्टियों का लाभ उठा सकती हैं. डीएनएलयू में एसोसिएट प्रोफेसर और छात्र कल्याण के डीन डॉ. प्रवीण त्रिपाठी ने मीडिया को बताया कि, मासिक धर्म की छुट्टी न केवल छात्राओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में मदद करेगी, बल्कि मासिक धर्म से जुड़ी सामाजिक भ्रांतियों को भी दूर करेंगी. उन्होंने कहा कि, प्राकृतिक जरूरतों को स्वीकार करके हम रूढ़ियों और वर्जनाओं को तोड़ सकेंगे. यह पहल सारे शैक्षिक अनुभवों को भी बढ़ाएगी.


केरल विश्वविद्यालय भी कर रहा तैयारी 
बता दें कि, इसी साल मार्च के महीने में केरल विश्वविद्यालय (केयू) ने महिलाओं के लिए विशेष मासिक धर्म अवकाश और मातृत्व अवकाश की अनुमति देने के आदेश जारी किए थे. विश्वविद्यालय ने एक सरकारी आदेश को लागू करने का निर्णय लिया, जिसमें मासिक धर्म अवकाश का प्रावधान देने के बाद महिला छात्रों के लिए उपस्थिति की सीमा 73% तय की गई थी. महिला छात्र छह महीने तक मातृत्व अवकाश का भी लाभ उठा सकती हैं, जिसके बाद वे दोबारा प्रवेश लिए बिना कॉलेज में फिर से शामिल हो सकती हैं. संबद्ध कालेज के प्राचार्यों को उम्मीदवारों के मेडिकल रिकॉर्ड के सत्यापन की जिम्मेदारी सौंपी गई.



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