Bhopal News: निजी स्कूलों की मनमानियों के खिलाफ मध्यप्रदेश की डॉ.मोहन यादव सरकार पूरी तरह से एक्शन में भोपाल-ग्वालियर के बाद अब नजदीकी जिले सीहोर में कार्रवाई की है. बढ़ी हुई फीस के विरोध में एक स्कूल पर जिला कलेक्टर द्वारा 2 लाख रुपये जुर्माना लगाया था, जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर निजी स्कूल के 15 कम्प्यूटर जब्त किए गए हैं.
सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह के निर्देश पर नगर तहसीलदार नीलम परसेंडिया के नेतृत्व में राजस्व विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय तथा नगर पालिका की टीम द्वारा सेंट एन्स सीनियर सेकेण्डरी स्कूल द्वारा जुर्माने की राशि जमा नही करने पर कुर्की की कार्रवाई की गई. राजस्व विभाग की टीम द्वारा की गई कार्रवाई में लगभग 2 लाख रुपये मूल्य के संस्था के 15 कंप्यूटर जब्त किए गए.
उल्लेखनीय है कि सीहोर के सेन्ट एन्स सीनियर सेकेण्डरी स्कूल द्वारा फीस वृद्धि और एक ही दुकान से छात्र-छात्राओं को पुस्तकें खरीदने की शिकायतें प्राप्त हुई थी. शिकायत सही पाये जाने पर कलेक्टर प्रवीण सिंह ने सेन्ट एन्स सीनियर सेकेण्डरी स्कूल पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया था साथ ही जुर्माने की राशि सात दिवस के भीतर जमा करने के निर्देश दिए थे.
एबीवीपी ने की थी शिकायत
बता दें मिशनरी स्कूल प्रबंधन की मनमानी के विरोध में एबीवीपी ने शिकायत की थी. सेंट एन्स सीनियर सेकेण्डरी स्कूल की 14 जुलाई 2023 को फीस वृद्धि तथा छात्र-छात्राओं द्वारा एक ही दुकान से पुस्तकें क्रय करने की शिकायत प्राप्त हुई थी. इस संबंध में संबंधित स्कूल के प्राचार्य/संचालक को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया था.
पाप्त सूचना पत्र का जवाब समाधान कारक नहीं पाए जाने पर 18 दिसंबर 2023 को कलेक्टर प्रवीण सिंह ने चार सदस्यीय जांच दल गठित कर जांच करने के निर्देश दिए गए थे. जांच दल द्वारा संस्था प्रबंधन को शिकायतों का निवारण करने के लिए कहा गया, जिनमें संस्था प्रबंधन छात्र-छात्राओं से जो फीस वृद्धि की गई है, उन्हें पालकों को वापिस करने के लिए कहा गया एवं छात्र-छात्राओं की पुस्तके जो कि एक ही दुकान से विक्रय हो रही है, उसे न्यूनतम तीन दुकानों पर विक्रय कराने एवं छात्र-छात्राओं की धार्मिक आस्थाओं पर ठेस न पहुंचाने एवं बच्चों पर किसी भी प्रकार का अनावश्यक दबाव नहीं बनाने के निर्देश दिए गए थे.
पालकों को फीस वापस नहीं की
जिला प्रशासन द्वारा दिए गए आदेश में बढ़ाई गई फीस को अधिनियम की धारा 10 अनुसार 30 दिवस के भीतर पालकों को वापिस करने का निर्देश दिया गया था. लेकिन संस्था प्रबंधन द्वारा आज तक पालकों को फीस वापिस नहीं की गई. निर्देशों की अवहेलना करने पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था. लेकिन स्कूल प्रबंधन ने जुर्माने की राशि जमा नहीं की, नतीजतन अब स्कूल के कम्प्यूटरों को कुर्क किया गया है.
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