MP News: मध्यप्रदेश में किसान अब ट्रॉली भरकर एकमुश्त 40 क्विंटल चना उपार्जन केंद्र पर बेच सकेगा. शिवराज सरकार ने चना उत्पादक किसानों को बड़ी राहत दी है. चना उत्पादक किसानों की सीमा में 15 क्विंटल की बढ़ोतरी करते हुए 40 क्विंटल कर दिया गया है. पहले खरीदी सीमा 25 क्विंटल थी. शिवराज सरकार की तरफ से खरीदी सीमा में की गई वृद्धि के बाद चना उत्पादों में खुशी है. किसानों का कहना है कि अब उन्हें चने की ट्रॉली को उपार्जन केंद्र से वापस नहीं ले जाना पड़ेगा.
चना उत्पादक किसानों को शिवराज सरकार ने दी राहत
आपको बता दें कि एक ट्रॉली में करीब 40 क्विंटल चना आता है. किसान ट्रॉली भरकर ही उपार्जन केंद्र पहुंचता है. लेकिन 25 क्विंटल की सीमा होने के कारण बाकी उपज वापस घर ले जाना पड़ता था. खरीदी केंद्र पर दोबारा चना बेचने आने में मजदूरी का खर्च बढ़ने के साथ अतिरिक्त समय भी लगता है. मगर अब किसानों की परेशानी समाप्त होगी. मध्य प्रदेश में समर्थन मूल्य चना, सरसों और मसूर की खरीदी शुरू हो रही है. औसत अच्छी गुणवत्ता किस्म के चना का समर्थन मूल्य राशि 5230 रु. प्रति क्विंटल, मसूर 5500 रु प्रति क्विंटल, राई सरसों 5050 रु. प्रति क्विंटटल निर्धारित किया गया है.
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कृषि उपज मंडियों की तुलना में उपार्जन केंद्रों पर भीड़
चने के प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत देश भर की मंडी में चना न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे बिक रहा है. बीते साल दीपावली से पहले ही सरकार ने दालों की तेजी रोकने के लिए चने पर प्रतिबंध लगा दिए थे. कृषि उपज मंडी में चना समर्थन मूल्य से 500 नीचे 4600-4700 रु प्रति क्विंटल के भाव बिक रहा है. सरकारी खरीदी केंद्रों में चने का उपार्जन 5230 रु प्रति क्विंटल का भाव चल रहा है. कृषि उपज मंडियों की अपेक्षा उपार्जन केंद्रों में 500 रु प्रति क्विंटल भाव अधिक मिलने से किसानों की उपार्जन केंद्रों पर भीड़ है.