Poor Prisoners Scheme: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मध्य प्रदेश की सराहना की है. यह तारीफ सपोर्ट टू पुअर प्रिजनर्स स्कीम के क्रियान्वयन को लेकर मिली है. शाह ने इसके लिए अन्य प्रदेशों को मध्य प्रदेश से प्रेरणा लेने की भी नसीहत दी.


ऐसे कैदी जो सजा पूरी होने के बाद भी जुर्माना राशि नहीं भर पाने की वजह से जेल में बंद हैं, उनके लिए सपोर्ट टू पुअर प्रिजनर्स स्कीम शुरू की गई है. इस स्कीम के तहत प्रदेश शासन द्वारा 16 कैदियों की जुर्माना राशि जमा कर उन्हें जेल से मुक्त कराया है. इस योजना के तहत कम शिक्षित, वंचित और बेहद गरीब कैदियों को जेल में जुर्माना राशि जमा कर रिहा कराया है. 


इन्हें राहत नहीं
इस योजना का लाभ भ्रष्टाचारियों और यौन अपराधियों को राहत नहीं मिलेगा. इस योजना में स्पष्ट आदेश है कि योजना का लाभ बालिकाओं और महिलाओं संबंधी यौन अपराधों में लिप्त कैदी व भ्रष्टाचार, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा कर हड़पने के मामले में सजा काट रहे कैदियों को इस स्कीम का लाभ नहीं दिया जाएगा. 


जेल से रिहा किए गए कैदी
- केन्द्रीय जेल इंदौर से 1 कैदी रिहा.
- केन्द्रीय जेल जबलपुर से 8 कैदी रिहा.
- जिला जेल शाजापुर से 1 कैदी रिहा.
- जिला जेल धार से 1 कैदी रिहा.
- केंद्रीय जेल उज्जैन से 2 कैदी रिहा.
- केंद्रीय जेल सतना से 1 कैदी रिहा.
- जिला जेल झाबुआ से 1 कैदी रिहा.
- केन्द्रीय जेल भोपाल से 1 कैदी रिहा.


2023 में गृह मंत्रालय द्वारा किया गया था शुरू 
बता दें कि सपोर्ट टू पुअर प्रिजनर्स स्कीम की घोषणा केंद्रीय बजट वर्ष 2023-24 में की गई थी. इस योजना को मई, 2023 में गृह मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था. वहीं 21 फरवरी,2024 को  भारत सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 'निर्धन कैदियों के सहायता योजना' के लिए 20 करोड़ रुपये का वार्षिक फंड आवंटित किया था.


ये भी पढ़ें: रतलाम में पेट्रोल से भरी मालगाड़ी के 3 डिब्बे पटरी से उतरे, दिल्‍ली-मुंबई ट्रैक पर रेल यातातात प्रभावित