MP Government: मध्य प्रदेश में कोविड-19 में अनाथ हुए बच्चों के खातों में मोहन यादव सरकार ने पैसे ट्रांसफर कर दिए हैं. रुकी हुई राशि को लेकर एबीपी न्यूज़ ने खबर दिखाई थी, इसके बाद सरकार ने पैसा ट्रांसफर कर दिया है.


आज (गुरुवार, 26 सितंबर) सभी बच्चों के खातों में 3-3 महीने की राशि डाली गई है. राशि मिलने से बच्चों के चेहरे पर भी मुस्कान देखी गई तो वहीं अब यह राशि बच्चों के लिए गुजर-बसर, भरण-पोषण में मददगार होगी.


बता दें अब से 3 साल पहले आई कोविड-19 महामारी की वजह से कई बच्चों के सिर से माता या पिता का साया छीन लिया था. मध्य प्रदेश में 1326 बच्चे ऐसे थे, जिनके मां और बाप दोनों ही दुनिया छोडक़र चले गए थे और यह बच्चे बेसहारा हो गए थे. इन बच्चों की सुध तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान सरकार ने ली थी और बच्चों को भरण पोषण के लिए पांच-पांच हजार रुपये आर्थिक सहायता देने की शुरुआत की थी.


लेकिन बीते कुछ महीनों से बच्चों को खाते में राशि नहीं आ रही थी, जिसे लेकर एबीपी न्यूज़ ने बच्चों की इस समस्या को प्रमुखता से उठाया था. एबीपी न्यूज़ की खबर के बाद सरकार जागी और बच्चों के बैंक खातों में राशि डाली गई है. 


बाल सेवा योजना बनी सहारा
मई 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया था कि जिन बच्चों ने कोरोना की वजह से अपने माता-पिता-अभिभावकों को खोया है, उन्हें हर महीने 5 हजार रुपये दी जाएगी.


इसके अलावा उनके लिए मुफ्त शिक्षा और परिवारों के लिए मुफ्त राशि की भी व्यवस्था की जाएगी. योजना में शिक्षा-आश्रय-आहार और जीवन योजना की संपूर्ण व्यवस्था किया जाना था. यह योजना 01 मार्च 2021 से 30 जून 2021 तक की अवधि में कोविड-19 के कारण हुई मौत के मामलों पर लागू थी. 


यह है घोषणा
- 5 हजार रुपए प्रतिमाह की पेंशन दी जाएगी.
- महीने का राशन निशुल्क दिया जाएगा.
- पहली से 12वीं तक सरकारी स्कूलों में नि:शुल्क पढ़ाई और निजी स्कूल में पढ़ाई के लिए सरकार 10 हजार रुपए सालाना देगी.
- कॉलेज की पढ़ाई का खर्च भी सरकार उठाएगी. 


6 महीने से नहीं मिली थी पेंशन
कोविड-19 में अनाथ हुए 1326 बच्चों को मध्यप्रदेश सरकार भुला बैठी थी. बीते 6 महीने से इन बच्चों के खातों में 5000 रुपए की राशि नहीं आई थी. राशि नहीं आने की वजह से इन बच्चों की जिंदगी मुश्किल हो गई थी.


ऐसे कई बच्चें ने एबीपी न्यूज़ को अपनी परेशानी बताई थी, जिसके बाद एबीपी न्यूज़ ने बच्चों के इस समस्या को बुधवार (25 सितंबर) को प्रमुखता से उठाया, जिसके एक दिन बाद ही गुरुवार (26 सितंबर) को शासन ने इन बच्चों के खाते में 3-3 महीने की राशि डाल दी है. राशि आने से इन बच्चों के चेहरे पर भी मुस्कान आई है.


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