Sagar News: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना (CM Bal Ashirwad Yojana) का विस्तार हो रहा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने ऐलान किया है कि कोविड सक्रमंण में माता-पिता की मृत्यु से अनाथ बच्चों के लिए 4000 रुपये की पेंशन योजना के दायरे में अब ऐसे बच्चों को भी शामिल किया जाएगा, जिनके माता-पिता नहीं हैं.


सीएम शिवराज सिंह शनिवार को सागर जिले के गढ़ाकोटा में आयोजित सामूहिक कन्यादान समारोह को संबोधित कर रहे थे. इस समारोह में 2100 कन्याओं की शादी हुई. इसी के साथ प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव (Gopal Bhargava) का 21 हजार शादियों को संकल्प पूरा हुआ. उन्होंने ये इतनी शादियां अकेले रहली विधानसभा क्षेत्र में कराई हैं. 


मुख्यमंत्री ने की गोपाल भार्गव की तारीफ


समारोह में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भार्गव केवल राजनेता ही नहीं समाज सेवक और विकास पुरुष भी हैं. मध्य प्रदेश के विकास के लिए वे सदैव प्रयत्नशील रहते हैं. उन्होंने 21000 कन्याओं का विवाह कराकर समाज सेवा का जो इतिहास बनाया वह अनुकरणीय है. आज के पुण्य और विशाल विवाह समारोह में 2100 कन्याओं के हाथ पीले कर उन्होंने 21 हजार कन्याओं के विवाह कराने के अपने महा संकल्प को पूरा किया है. इस पर हम सभी को गर्व है. उन्होंने कहा कि भार्गव ने यह सिद्ध किया है कि राजनेता पेशा,नहीं समाज सेवा है.


 
मुख्यमंत्री ने विवाह समारोह में शामिल हुए नव दंपतियों को उनके सुखी, सफल जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि किसी भी तकलीफ में अकेला गोपाल भार्गव ही नहीं, मामा शिवराज सिंह चौहान भी उनके साथ खड़ा रहेगा. मुख्यमंत्री और अन्य अतिथियों ने नवदंपतियों पर पुष्प वर्षा कर उनका अभिवादन किया और प्रतीकात्मक रूप में कुछ दंपति को उपहार सामग्री भेंट की. समारोह में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, पूर्व सीएम उमा भारती और शिवराज सरकार में मंत्री भूपेंद्र सिंह, विश्वास सारंग, प्रभुराम चौधरी मौजूद थे. 


सामूहिक विवाह समारोह में मंत्री के बेटे-बेटी का विवाह


इस अवसर पर गोपाल भार्गव ने कहा कि पहले गरीबी के कारण लोग बेटियों की शादी के लिए घर, जेवर, गिरवी रख देते थे,उनके इस दर्द को मैंने समझा. उन्होंने बताया कि 20 साल पहले मैंने सामूहिक विवाह की छोटे रूप में शुरुआत की थी. यह अब विशाल स्वरूप ले चुका है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक भी बेटी ऐसी नहीं होनी चाहिए, जिसके हाथ पैसे के अभाव में पीले नहीं हो पा रहे हैं. उन्होंने परिणय सूत्र में बंधने वाली बेटियों से कहा कि जब तक गोपाल भार्गव जीवित हैं, धर्मपिता के रूप में वह आपके काम आएगा. 


भार्गव ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे अभिषेक भार्गव और बेटी डॉक्टर अवंतिका भार्गव की शादी भी ऐसे ही सामूहिक विवाह समारोह में की थी. उन्होंने कहा कि मैंने अपने बेटा-बेटी का किसी बड़े होटल में रिसेप्शन नहीं दिया. उन्होंने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना को लोक कल्याण और सामाजिक समरसता की योजना बताया.


इन जातियों के जोड़ों का हुआ सामूहिक विवाद


भार्गव ने बताया कि आज जो विवाह संपन्न हुए उनमें 500 जोडे़ कुशवाहा समाज, 400 अहिरवार समाज, 150-150 कुर्मी और लोधी और 50 ब्राम्हाण समाज और 50 मुस्लिम समाज के हैं.बाकी के अन्य वर्ग के हैं. इनको 200-200 के समूह में विवाह वेदी पर बिठाकर विवाह संपन्न हुआ है.  समारोह में आए लोगों को बुंदेली व्यजंन परोसे गए.  


मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत हुए इस भव्य समारोह में नवदंपतियों को पलंग,गद्दा, चादर, तकिया, सिलाई मशीन, टेबिल, कुर्सियां, बैग, वस्त्र, प्रेशर कुकर, डिनर सेट, दीवाल घड़ी, पंखा, रजाई, स्टील टंकी गुंड व कसेड़ी, स्मार्ट टीवी, मंगल सूत्र (स्वर्ण), चांदी आभूषण पायल, बिछड़ी, बेंदी आदि दिए गए.   


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