MP News: मध्य प्रदेश की खस्ताहाल सड़कों का कायाकल्प होने वाला है. सड़कों की गुणवत्ता को बेहतर करने पर सरकार का विशेष ध्यान है. लोक निर्माण विभाग पायलट प्रोजेक्ट के तहत 21 जिलों की 41 सड़कों को नई तकनीक से बनायेगा. दावा किया जा रहा है कि नई तकनीक व्हाइट टॉपिंग के इस्तेमाल से बनी सड़कें भारी यातायात और बारिश का दबाव झेल लेंगी. सड़क निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. बता दें कि बारिश की वजह से प्रदेश की सड़कें बदहाल हो गयी थीं.
सड़कों की दशा सुधारने के लिए सरकार अब व्हाइट टॉपिंग तकनीक अपनाने जा रही है. नई तकनीक से शुरुआत में बनने वाली 41 सड़कों की कुल लंबाई 109.31 किलोमीटर होगी. निर्माण कार्य को 4 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
21 जिलों की सड़कों का होगा कायाकल्प
सबसे ज्यादा 14 सड़कों का निर्माण राजधानी भोपाल में व्हाइट टॉपिंग तकनीक के जरिये किया जायेगा. इसके अलावा इंदौर और ग्वालियर की 3-3, बुरहानपुर, मंदसौर और सागर की 2-2, सड़कें व्हाइट टॉपिंग तकनीक का इस्तेमाल कर बनाई जाएंगी. आगर मालवा, उमरिया, खंडवा, गुना, छतरपुर, देवास, नर्मदापुरम, नीमच, बैतूल, मुरैना, रतलाम, रायसेन, रीवा, सतना और हदा की भी एक-एक सड़क शामिल है.
व्हाइट टॉपिंग तकनीक के बारे में जानिए
व्हाइट टॉपिंग आधुनिक तकनीक है. नई तकनीक में मिलिंग मशीन के जरिये पुरानी सड़कों पर कंक्रीट की मोटी परत चढ़ायी जाती है. 6 से 8 इंच मोटी कंक्रीट की परत भारी यातायात और खराब मौसम के बाद भी जल्द नहीं उखड़ती हैं. नई तकनीक से बनी सड़कों की आयु 20 से 25 साल और पर्यावरण के अनुकूल होती है. कंक्रीट की सतह डामर की तुलना में ठंडी रहती है. बताया जाता है कि सड़कों की रखरखाव में भी लागत काफी कम आती है. उम्मीद जताई जा रही है कि 21 जिलों की 109.31 किलोमीटर लंबी 41 सड़कों का निर्माण कार्य चार महीने में पूरा हो जायेगा.
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