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MP: सीहोर ट्रॉमा सेंटर में मरीजों को नहीं मिल रही एक्स-रे प्लेट, मोबाइल का फोटो देख डॉक्टर कर रहे इलाज
Sehore Hospital News: लंबे समय से सीहोर जिले के ट्रॉमा सेंटर में एक्स-रे फिल्म की कमी की बात कहकर मरीजों को फिल्म नहीं दी जाती है, जबकि यहां पर करीब 40 से 50 मरीजों के एक्स-रे रोजाना होते हैं.
Sehore Hospital News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में स्वास्थ्य सेवाओं पर केंद्र और राज्य सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. इसके बावजूद गरीब और जरूरतमंद लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं जिलेभर में नहीं मिल पा रही हैं. नर्मदापुरम (Narmadapuram), रायसेन, राजगढ़, बुराहनपुर और विदिशा जैसे बड़े जिलों में अस्पतालों में एक्स-रे (X-Ray) कराने वाले मरीजों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं. डिजिटल और मैनुअल एक्स-रे की प्लेट खत्म होने के कारण उन्हें बाहर से एक्स-रे कराना पड़ रहा है. वहीं अस्पताल में लगी एक्स-रे मशीन के कंप्यूटर से मोबाइल में फोटो खींचकर डॉक्टर को दिखा रहे हैं, जिससे बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा है.
कहने को तो सीहोर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला है, लेकिन यहां अफसरों की मनमानी के चलते अस्पताल के बुरे हाल हैं. उम्मीद थी कि मुख्यालय पर ट्रामा सेंटर और नसरुल्लागंज अस्पताल तैयार होने के बाद लोगों को उपचार के लिए नहीं भटकना पड़ेगा, लेकिन स्थिति आज भी जस की तस है. लंबे समय से सीहोर जिले के ट्रॉमा सेंटर में एक्स-रे फिल्म की कमी की बात कहकर मरीजों को फिल्म नहीं दी जाती है, जबकि यहां पर करीब 40 से 50 मरीजों के एक्स-रे रोजाना होते हैं. एक्स-रे फिल्म उपलब्ध न होने के कारण हड्डी रोग मरीजों के साथ ही टीबी, पथरी रोगी भी परेशान हो रहे हैं, जिन्हें मजबूरी में निजी एक्स-रे जांच करानी पड़ती हैं.
इलाज से वंचित हो रहे हैं बिना मोबाइल वाले मरीज
यहां के हालात यह है कि कर्मचारियों और जिम्मेदारों की मिलीभगत से अब यह व्यवस्था ही बन गई है. अधिकांश मरीजों को निजी एक्स-रे के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. यहां पर ज्यादातर गरीब और कम आय वाले लोग उपचार के लिए पहुंचते हैं, लेकिन यहां पर मरीजों को एक्स-रे फिल्म नहीं दी जा रही है. इसकी वजह से मरीज परेशान हो रहे हैं. मशीन के मॉनिटर पर मोबाइल में एक्स-रे का फोटो लेकर मरीज डॉक्टर से परामर्श ले रहे हैं. ऐसे में उनका सही उपचार नहीं हो पा रहा है. वहीं दूसरी ओर कई मरीजों के पास मोबाइल नहीं होता तो वो इलाज से वंचित हैं. शिकायत यह भी मिल रही है कुछ कर्मचारी एक्स-रे का फोटो लेने के नाम पर भी रुपये की मांग कर रहे हैं.
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आयुष्मान और बीपीएल कार्डधारियों को हो रही दिक्कत
सीहोर ट्रॉमा सेंटर में आयुष्मान और बीपीएल कार्डधारी मरीजों के लिए एक्स-रे सुविधा पूरी तरह निशुल्क है, लेकिन महीने भर से एक्स-रे फिल्म की कमी से कारण यहां आयुष्मान और बीपीएल कार्डधारी मरीजों को एक्स-रे कराने पर फिल्म नहीं दी जा रही है. इसके कारण गरीब हितग्राही परेशान हो रहे हैं, जबकि यहां पर मरीजों के साथ दोहरा रवैया अपनाया जा रहा है. रसूखदार और राजनीतिक पहुंच रखने वाले लोगों को बिना किसी शुल्क के ही फिल्म उपलब्ध करा दी जाती है. वहीं गरीब मरीज एक्स-रे फिल्म के भटकते रहते हैं. अस्पताल प्रबंधन की ओर से एक्स-रे फीस मनमाने तरीके से बढ़ा दी गई है, जिससे कम आय वाले मरीजों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है.
अब एक्स-रे के लिए लगते हैं इतने रुपये
पहले एक्स-रे फीस 30 रुपये ली जाती थी, लेकिन अब मरीजों से 100 रुपये वसूल किए जा रहे हैं. इसको लेकर लोगों में काफी नाराजगी है. मंडी निवासी कृष्णा पाटीदार ने बताया कि उनके पैर में चोट आई थी. ट्रॉमा सेंटर में उपचार करा रहे हैं. पैर का एक्स-रे तो किया गया, लेकिन उन्हें फिल्म नहीं दी गई. मॉनिटर में फोटो लेने को कह दिया. इस संबंध में सीएमएचओ सुधीर डेहरिया का कहना है कि फिल्म है, मरीजों को क्यों नही दी जा रही है, इसका पता करवाते हैं.
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