जबलपुर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court )ने दुष्कर्म (Rape) के एक मामले में आरोपी पुलिसकर्मी अजय साहू के डीएनए सैंपल (DNA Sample) से छेड़छाड़ करने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने इस मामले में राज्य स्तरीय विजिलेंस एण्ड मॉनिटरिंग कमेटी को करवाई करने को कहा है. अदालत ने कहा है कि इन अधिकारियों का तबादला दूर-दराज के इलाकों में किया जाए, जिससे वे गवाहों को प्रभावित न कर सकें.


अदालत ने रिपोर्ट पर क्या कहा है


जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने हाई कोर्ट की रजिस्ट्री को आदेश दिया कि डीएनए से जुड़ी दो जाँच रिपोर्ट के साथ इस आदेश की कापी एमपी के चीफ सेक्रेटरी के माध्यम से कमेटी को भेजें. कोर्ट ने अपने आदेश में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोपी चूंकि एक पुलिसकर्मी है, इसलिए इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आला अफसर उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं. 


इस समय छिंदवाड़ा में पदस्थ कांस्टेबल अजय साहू के खिलाफ छिंदवाड़ा के अजाक थाने में दुष्कर्म और एससी-एसटी की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज हुआ था. आरोपी को 13 नवंबर 2021 को गिरफ्तार किया गया था. दुष्कर्म के बाद पीड़िता गर्भवती हो गई थी और आरोपी सिपाही ने उसका अबॉर्शन करा दिया था.आरोपी का डीएनए सैंपल भी ठीक से सुरक्षित नहीं रखा गया.


आरोपी की जमानत याचिका अदालत ने की खारिज


जबलपुर जोन के एडीशनल डीजीपी उमेश जोगा ने 20 अप्रैल 2022 को इस मामले से जुड़ी हाईकोर्ट में रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट देखने के बाद कोर्ट ने पाया कि छिंदवाड़ा के सिविल सर्जन शिखर सुराना ने हाईकोर्ट को गलत जानकारी उपलब्ध कराई है. कोर्ट ने कहा कि एडीजीपी ने बिना विचार किए ही रिपोर्ट पर हस्ताक्षर कर दिए जबकि उसमें एक स्टाफ नर्स के बयान दर्ज नहीं थे. कोर्ट ने आरोपी की ओर से पेश जमानत आवेदन भी निरस्त कर दिया है. 


शासन की ओर से अधिवक्ता एसके श्रीवास्तव ने पक्ष रखा. कोर्ट ने कहा कि अब सैंपल की पुनः जांच नहीं हो सकती. इसलिए सभी संबंधित अधिकारियों को प्रदेश के दूरदराज क्षेत्र में स्थानांतरित किया जाए, ताकि वे गवाहों को प्रभावित न कर सकें.


यह भी पढ़ें


MP News: अब लाडली लक्ष्मी को कॉलेज जाने पर दो किस्तों में मिलेंगे 25 हजार रुपये, शिवराज सरकार ने किया नियम में संसोधन


Fire in Train: जबलपुर में ट्रेन में आग लगने से मची अफरातफरी, जानें फिर क्या हुआ