जबलपुर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में त्रि-स्तरीय पंचायत (Panchayat Election) चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की आय, अपराध और चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा निर्वाचन आयोग की अपनी वेबसाइट में अपलोड न करने का मामला हाई कोर्ट (High Court) पहुंच गया है. अब मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच (Jabalpur Bench) ने चुनाव आयोग से पूछा है कि पंचायत चुनाव के प्रत्याशियों की जानकारी वेबसाइट पर अपलोड क्यों नहीं की गई?
क्या है पूरा मामला
एक जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने राज्य सरकार व राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा है. याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 18 जुलाई की तारीख तय की गई है.
क्या कहता है सुप्रीम कोर्ट का फैसला
याचिकाकर्ता शिवानंद द्विवेदी की ओर से अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा ने दलील दी कि नियमानुसार सभी प्रत्याशियों के घोषणा पत्र अंतर्गत आय, कर्ज, चल-अचल संपत्ति विवरण व आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी को निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने यूनियन ऑफ इंडिया बनाम एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स के प्रकरण में इस सिलसिले में अहम दिशा-निर्देश दिए थे. इसके परिपालन में केंद्रीय चुनाव आयोग ने चुनाव में भाग लेने वाले उम्मीदवारों के घोषणा-पत्र के सार-पत्र की प्रति आयोग की आधिकारिक वेबसाइट के अलावा संबंधित जिलों के वेब पेज पर आम जनता के अवलोकन के लिए अपलोड करने की अधिसूचना 2016 में जारी की थी. निर्वाचन आयोग ने 2021 में भी इस संबंध में निर्देश जारी किए थे. इसके बाबजूद इसका पालन नहीं किया गया, इसलिए जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका में मांग की गई है कि आयोग द्वारा इस संबंध में विनिर्दिष्ट निर्देशों का पालन किया जाए.
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