MP High Court News: मध्य प्रदेश में साल 2009 से लेकर 2013 के बीच हुए छात्रवृत्ति घोटाला मामले पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव ने सरकार से पूछा है कि आखिरकार घोटाले के दोषी कॉलेजों से अब तक कितनी रिकवरी की है? हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने साल 2016 में दोषी पैरा मेडिकल कॉलेजों से रिकवरी के आदेश दिए थे लेकिन इसके बावजूद भी सरकार अब तक घोटाले की पूरी राशि रिकवर नहीं कर पाई है.
97 पैरा मेडिकल कॉलेजों में करोड़ों का छात्रवृत्ति घोटाला
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में 2009 से लेकर 2013 के बीच 97 पैरा मेडिकल कॉलेजों में करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति घोटाले का मामला सामने आया था. शिकायतकर्ता अधिवक्ता विशाल बघेल ने छात्रवृत्ति घोटाले का खुलासा किया था. बघेल को सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के मुताबिक एक ही छात्र के नाम पर कई पैरा मेडिकल कॉलेजों में नाम दर्ज कर छात्रवृत्ति की राशि निकाल ली गई थी. मामले का खुलासा होने के बाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने साल 2016 में दोषी कॉलेजों से छात्रवृत्ति की राशि को रिकवर करने का आदेश दिया था, लेकिन सरकार ने सिर्फ खानापूर्ति की.
सरकार ने 15 करोड़ में से 1 करोड़ 23 लाख किए वसूल
शिकायतकर्ता विशाल बघेल ने सूचना के अधिकार से जानकारी हासिल की कि सरकार ने अब तक महज 1 करोड़ 23 लाख रुपए ही वसूल किए हैं, जबकि इन दोषी कॉलेजों से करीब 15 करोड़ की राशि वसूल करना थी. मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है कि आखिरकार अब तक घोटाले के दोषी कॉलेजों से छात्रवृत्ति की राशि क्यों नहीं वसूल की गई? हाईकोर्ट ने सरकार को 2 हफ्ते में जवाब पेश करने का निर्देश दिया है.
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