Vidisha News: मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में चुनावी रंजिश के कारण 12 साल पहले हुई 6 लोगों की हत्या के मामले में 33 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. चुनावी रंजिश पर शमशाबाद थाने के ग्राम बबचिया में हुए इस जघन्य हत्याकांड में पुलिस ने 54 आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज करके न्यायालय में चालान पेश किया था.चार नाबालिग आरोपियों के खिलाफ सुनवाई चल रही है.
12 साल चले मुकदमे के बाद शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार शर्मा ने 33 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.सभी आरोपियों पर 12 हजार 500 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.इस मामले में पुलिस ने 54 आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया था. इनमें से 12 को पुलिस अभी तक गिरफ्तार करके पेश नहीं कर सकी है. वहीं, 4 नाबालिगों के प्रकरण बाल न्यायालय में चल रहे हैं.इनमें से 5 आरोपियों की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है.
3 फरवरी 2011 को हुई थी ताबड़तोड़ फायरिंग
अभियोजन पक्ष के वकील नरेंद्र कुमार व्यास के मुताबिक घटना 3 फरवरी 2011 की सुबह 10 बजे हुई थी.शमशाबाद थाने के ग्राम बबचिया में चुनावी रंजिश को लेकर पूर्व सरपंच काले खां, गुफरान खान ने अपने सहयोगियों के साथ मुराद खान के खेत जाने वाला रास्ता रोक दिया था.इसी को लेकर हुए विवाद में काले खान और उसके साथियों ने मुराद और उनके परिजनों पर फायरिंग की. शहाबुद्दीन, रईस खान, अकील, बसरुद्दीन, आसिफ खान और अरमान की ताबड़तोड़ फायरिंग में मौत हो गई थी. पुलिस ने मामले में 54 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था. इनमें से 38 लोगों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया.केस की सुनवाई के दौरान पांच आरोपियों शाहिद खान, इरफान लंगड़ा, काले खां, गुफरान खां, फैय्याज खां की मौत हो गई.
इनको सुनाया गई है सजा
कोर्ट ने इस जघन्य हत्याकांड के 33 आरोपी इमरान, बन्ने खां, नन्ने खां, शकील खां, रिजवान खां, बाबू खान, आमिर खान, रिहान खान, अजीम शाह, अनीश खान, शहाबुद्दीन, नवाब खां, नसरुद्दीन खां, फूल बाबू खां, मुन्ना उर्फ मुजाहिद खां, तारिक और तारिफ, छोटा पप्पू उर्फ अरमान, अख्तर खां, शफीक खान, अशफाक खां, जसमाल उर्फ टंटू, हारुन खां, हनीफ उर्फ लालू शाह, चांद बाबू, बड़ा पप्पू उर्फ फखरुद्दीन, अकील खां, लल्लू उर्फ कमरुद्दीन, गुफरान खान, आरिफ खान, नजीम, पप्पू खां, शहजाद और बन्ने खां को आजीवन कारावास से दंडित किया है.
दूसरे पक्ष के सभी आरोपी बरी
इस मामले में पुलिस ने दूसरे पक्ष पर भी मुकदमा कायम किया था.न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में दूसरे पक्ष के 17 लोगों में से 15 को दोषमुक्त कर दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान दो लोगों की मौत हो गई थी.वहीं, चार नाबालिग आरोपियों के खिलाफ सुनवाई चल रही है.12 आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.