GWALIOR News: मध्य प्रदेश के अशोकनगर से बीजेपी विधायक जयपाल जज्जी को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है. हाई कोर्ट के एकल खंडपीठ के फैसले के खिलाफ डबल बेंच ने स्टे दे दिया है. हाई कोर्ट के एकल बेंच ने जज्जी के अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र निरस्त कर उनके खिलाफ एफआईआर करने और विधानसभा की सदस्यता खत्म करने का फैसला दिया था. अदालत ने उन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था. डबल बेंच के स्टे ऑर्डर से उनकी विधायकी पर मंडरा रहा खतरा फिलहाल टल गया है.


ये आदेश पारित किया था कोर्ट ने


मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की एकल पीठ ने अशोकनगर से भाजपा विधायक जयपाल सिंह जज्जी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया था. पुलिस अधीक्षक अशोकनगर को आदेश दिया था कि जज्जी के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने के मामले में केस दर्ज किया जाए. इसके साथ ही विधानसभा को आदेश दिया है कि इनकी सदस्यता समाप्त की जाए. साथ ही 50 हजार का हर्जाना भी लगाया है. जज्जी ने कीर जाति का जाति प्रमाण पत्र बनवाकर अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ लिया था. यह जाति पंजाब में अनुसूचित जाति में है, लेकिन मध्य प्रदेश में नहीं है.


डबल बेंच के निर्णय से मिली ये राहत
 
सिंगल बैंच के निर्णय के खिलाफ जज्जी ने हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दर्ज की थी.जज्जी के वकील अवधेश सिंह तोमर ने बताया कि जाति प्रमाण पत्र को लेकर पहले हो चुकी जांच रिपोर्ट को अदालत के संज्ञान में लाकर विभिन्न तथ्य रखे गए. इनको सुनने के बाद डबल बैंच ने सिंगल बैंच के आदेश को स्थगित कर रेस्पोंडेंट को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं. तोमर के मुताबिक इसके बाद अब जज्जी की विधानसभा सदस्यता सुरक्षित रहेगी बल्कि उन पर लगाया गया जुर्माना और एफआईआर की प्रक्रिया भी स्थगित रहेगी .


2018 में जीते थे चुनाव


जज्जी ने 2018 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित अशोक नगर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी लड्डूराम कोरी को हराया था. कोरी ने 2020 में हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ में याचिका दायर कर उनके निर्वाचन को चुनौती दी थी. इसमें कहा गया था कि उन्होंने गलत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ा है. उन्होंने पंजाब का जाति प्रमाण पत्र लगाया था, लेकिन कोरी का कहना है कि यह जाति पंजाब में अनुसूचित जाति में आती है एमपी में नहीं. लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए इस प्रमाण पत्र को गलत मानते हुए एसपी अशोक नगर को जज्जी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करने, जज्जी से 50 हजार जुर्माना लगाने के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष को इनकी सदन की सदस्यता रद्द करने के भी आदेश दिए थे.


ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ छोड़ी कांग्रेस
जज्जी बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे और विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया था. वो बाद में बीजेपी के टिकट पर उप चुनाव लड़े और फिर जीत गए. लेकिन याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि उनकी सदस्यता जाएगी और इसके लिए कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को लिख दिया है.


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