MP High Court News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि सेवानिवृत्ति उम्र सीमा पूरी करने के बावजूद जबलपुर के नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. श्रीकांत जोशी को पद पर सेवारत क्यों रखा है? जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने वेटरनरी साइंस विभाग के सचिव और विवि के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.


दरअसल, इस मामले में पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. जीपी पांडे की ओर से दायर याचिका पर गुरुवार (11 जनवरी) को सुनवाई हुई. अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने उनका पक्ष रखा. उन्होंने दलील दी कि "विश्वविद्यालय अधिनियम-2009 की धारा 14 (3) में रजिस्ट्रार पद की रिटायरमेंट आयु 62 साल है. वर्तमान रजिस्ट्रार डॉक्टर श्रीकांत जोशी 62 साल की आयु पूर्ण करने के बाद भी रजिस्ट्रार पद पर कार्यरत हैं. इस अधिनियम के अनुसार शासन द्वारा नियुक्त रजिस्ट्रार 62 साल की आयु के पश्चात पद पर कार्य नहीं कर सकता है."


पूर्व रजिस्ट्रार ने डाली थी याचिका
उम्र की इस समय सीमा को पूरी करने के बाद वह रजिस्ट्रार पद से रिटायर हो जाएगा. दरअसल, याचिकाकर्ता, जो कि पूर्व रजिस्ट्रार थे. उन्हें राज्य शासन द्वारा 62 साल की उम्र सीमा पूरी हो जाने के कारण रजिस्ट्रार पद से हटा दिया गया था. इसे लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था. उस वक्त हाईकोर्ट ने शासन के फैसले को सही माना था.


सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दे वेतनवृद्धि का लाभ
एमपी हाई कोर्ट ने बिजली विभाग की पॉवर जनरेटिंग कंपनी से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वार्षिक वेतनवृद्धि का लाभ देने के निर्देश दिए. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ के समक्ष हुई. जबलपुर निवासी पॉवर जनरेटिंग कंपनी से सेवानिवृत्त रजनीकांत नशीने और अन्य की ओर से अधिवक्ता देवेन्द्र सिंह राजपूत व जयंत पटेल ने पक्ष रखा.


उन्होंने दलील दी कि छठवें वेतन पुनर्निरीक्षण के नियमानुसार एक जुलाई को सेवा में रहने पर वार्षिक वेतनवृद्धि देय होती है, लेकिन याचिकाकर्ताओं ने 30 जून को ही सेवा पूरी कर ली थी. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2023 को फैसला देते हुए कहा कि "30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को भी वार्षिक वेतनवृद्धि का लाभ दिया जाए."


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