एमपी हाई कोर्ट का इंडिगो, स्पाइसजेट, एयर इंडिया और आकासा को नोटिस भेजने का निर्देश, क्या है मामला?
Jabalpur News: MP हाईकोर्ट ने जबलपुर से भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइस जेट, आकाशा एयरलाइंस को नोटिस जारी किया है.याचिका में कहा गया है कि मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है.
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MP High Court News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया गया है कि विमान कंपनियां जबलपुर से भेदभाव कर रही है. याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने देश की चार प्रमुख विमानन कंपनियों एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइस जेट व आकासा एयरलाइंस को ई-मेल के माध्यम से नोटिस भेजने के निर्देश दिए हैं.
दरअसल,हाई कोर्ट के पूर्व निर्देश के पालन में इन विमान कंपनियों को जनहित याचिका में आवश्यक पक्षकार बनाया गया है. एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने मामले पर अगली सुनवाई 27 जुलाई को निर्धारित की है.
जबलपुर के नागरिकों के मूलभूत अधिकारों का है हनन
बता दे कि हवाई सेवाओं को लेकर जबलपुर से भेदभाव का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है.जिसमें कहा गया है कि प्रदेश के अन्य शहरों की तुलना में कम फ्लाइट होना जबलपुर के नागरिकों के मूलभूत अधिकारों का हनन है.
लोगों को करना पड़ रहा है भारी परेशानी का सामना
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा. उन्होंने दलील दी कि मध्य प्रदेश के अन्य शहरों की तुलना में कम फ्लाइट हैं.पूर्व में जबलपुर से मुम्बई, पुणे, कोलकाता, बेंगलुरु आदि शहरों के लिए फ्लाइट संचालित होती थीं.जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी प्रदेश इंदौर, ग्वालियर तथा भोपाल के सामान थी. लेकिन लगातार इनके बंद होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पूर्व में जबलपुर से औसतन 15 फ्लाइट संचालित होती थीं. वर्तमान में घटकर इनकी संख्या महज पांच हो गई है. जिससे जबलपुर का विकास अवरुद्ध हो रहा है.
जनहित याचिका में प्रारंभिक रूप से केंद्रीय उड्डयन विभाग, डायरेक्टर-जनरल ऑफ सिविल एविएशन तथा एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को अनावेदक बनाया गया था. अब हाई कोर्ट के निर्देश पर एयरलाइंस कंपनियों को भी पक्षकार बना लिया गया है.
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