Jabalpur News: मध्य प्रदेश में एक लेक्चरर ने यह आरोप लगाया था कि सरकारी कॉलेज के प्रशासन ने उनपर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ज्वाइन करने का दबाव डाला. प्रोफेसर ने इस संबंध में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हाई कोर्ट ने प्रोफेसर की याचिका का निपटारा कर दिया. दरअसल, राज्य सरकार ने आश्वस्त किया है कि वह खुद इस मामले को देखेगी.
याचिकाकर्ता सीधी जिले के माझौली के एक सरकारी कॉलेज में गेस्ट प्रोफेसर हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन उन्हें जबरन आरएसएस ज्वाइन करने कह रहा है. जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकल पीठ ने बुधवार को याचिकाकर्ता के दावे की मेरिट पर बिना कोई टिप्पणी करते हुए याचिका का निपटारा कर दिया.
सरकार की ओर से कोर्ट को दी गई यह जानकारी
पीठ ने कहा कि सरकार के वकील वी एस चौधरी ने यह जानकारी दी है कि वह सीधी के एसपी को निर्देश देंगे कि वह याचिकाकर्ता की शिकायत पर ध्यान दे और उसकी जांच करे. और वास्तव में ऐसा कुछ हुआ है तो हम एसपी को निर्देश देंगे कि वह आदेश की सर्टिफाइड कॉपी मिलने के साथ दिन के भीतर इसका निपटारा करे.
गेस्ट फैकल्टी के साथ हुई मारपीट, पुलिस ने की अनसुनी
ऐसा बताया जा रहा है कि वह गवर्मेंट ऑर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज में गेस्ट फैकल्टी (कॉमर्स) के रूप में कार्यरत हैं और उन्हें कॉलेज प्रशासन ने निर्देश दिया है कि वह आरएसएस ज्वाइन करें. शिकायत सुनने पर पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि आरएसएस की विचारधारा प्रोफेसर की विचारधारा से मेल नहीं खाती है और जब उन्होंने आरएसएस ज्वाइन करने से इनकार किया तो उसके साथ मारपीट की गई और धमकाया भी गया.
वकील ने बताया कि याचिकाकर्ता ने पुलिस अधीक्षक और इलाके के इंस्पेक्टर से इसकी शिकायत पहले ही कर दी थी लेकिन शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
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