Jabalpur News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नियम-कायदों को ताक पर रखकर संचालित नर्सिंग कॉलेजों के मामले में मंगलवार को हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कठोर निर्देश दिए. इस मामले में लगातार लीपापोती और गलत तथ्य पेश करने से नाराज कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए कि नर्सिंग काउंसिल (Nursing Council) की रजिस्ट्रार सुनीता शिजू (Sunita Shiju) को तत्काल निलंबित किया जाए. कोर्ट ने कहा 24 घंटे के अंदर उनकी जगह प्रशासक की नियुक्ति की जाए, जो आगामी आदेश तक प्रभार संभालेंगे.


क्या है मामला
दरअसल, सरकार की ओर से सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को बताया गया कि इस साल नियमों को पूरा करने वालों को ही नर्सिंग कॉलेज खोलने की अनुमति दी गई. इस पर याचिकाकर्ता ने फोटो प्रस्तुत कर सरकार के दावों की पोल खोल दी. फोटो देखकर कोर्ट ने भी हैरानी जताई. चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत की गई कार्रवाई की रिपोर्ट को असंतोषजनक माना. इसके बाद कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए सरकार को निर्देश दिए कि मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार सुनीता शिंजू को तत्काल निलंबित किया जाए. कोर्ट ने कहा कि 24 घंटे के अंदर उनकी जगह प्रशासक की नियुक्ति की जाए, जो आगामी आदेश तक प्रभार संभालेंगे. मामले पर अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद नियत की गई.


क्या नियमों को ताक पर रखकर दी कई कॉलेजों को मान्यता
लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन मध्य प्रदेश के अध्यक्ष एडवोकेट विशाल बघेल द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान मप्र नर्सिंग काउंसिल की ओर से उपमहाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने काउंसिल की रजिस्ट्रार सुनीता शिंजू का शपथ पत्र पेश किया. उन्होंने कोर्ट को बताया कि गत वर्ष 2020-21 में खुले हुए 453 कॉलेजों में से 94 नर्सिंग कॉलेजों को इस वर्ष मान्यता नवीनीकरण की अनुमति नहीं दी गई है. उक्त कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों को भी अन्यत्र स्थानांतरित किया जा रहा है. इसके अलावा अन्य 93 नर्सिंग कॉलेजों को संसाधन और भवन उपलब्धता के संबंध में जारी नोटिस का जवाब नहीं देने के कारण उनकी मान्यता 22 अगस्त को निलंबित कर दी गई है. कोर्ट को शपथ पत्र में यह भी बताया गया कि वर्ष  2021-22 में मध्य प्रदेश में सिर्फ नए 49 नर्सिंग कॉलेज खोले गए हैं. उनके पास उपलब्ध संसाधन व अन्य सुविधाओं का उचित निरीक्षण एवं सत्यापन करने के उपरांत नियमनुसार ही अनुमति जारी की गई है.


डुप्लीकेट फैकल्टी होने के बावजूद कॉलेजों को दी गई मान्यता
याचिकाकर्ता ने रजिस्ट्रार के शपथ पत्र को झूठा बताते हुए कोर्ट में एक आवेदन पेश किया.उसमें वर्ष 2022 में खोले गए 49 में से 10 नर्सिंग कॉलेजों का उदाहरण पेश करते हुए बताया गया कि नए खुले कॉलेजों में भास्कर कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग (ग्वालियर),जे.एस.एस. कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग (भोपाल), रत्न ज्योति नर्सिंग कॉलेज (ग्वालियर) सहित पिछले वर्ष के नवीनकरण किये गये स्नेह इंस्टीटयूट ऑफ़ नर्सिंग (भोपाल) तथा वैष्णवी नर्सिंग कॉलेज (भोपाल) को डुप्लीकेट फैकल्टी होने के बावजूद अनुमति जारी की गयी है. याचिकाकर्ता ने आवेदन के साथ पांच कॉलेजों के फोटो पेश किये जिसमें क्राइस्ट ज्योति कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग (सीधी), जे.एस.एस. नर्सिंग कॉलेज (ग्वालियर),अपैक्स नर्सिंग कॉलेज (भोपाल), फ्लोरेंस नाइटेंगल कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग (भोपाल), आर.के.एस. कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग (भोपाल) के भवन, लैब और अन्य सुविधाएं संदिग्ध थीं. 


कोर्ट ने दिए सुनीता शिजू को तत्काल निलंबित करने के आदेश
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया गया कि कौंसिल के रिकॉर्ड में उपलब्ध कॉलेजों के भवन-लैब फर्जी रूप से इंजीनियरिंग व बी.एड. कॉलेजों की किराए की बिल्डिंग पर दिखाकर और अस्थाई बैनर टांगकर नर्सिंग कॉलेज शो किया गया है. मान्यता इस वर्ष भी रेवड़ी की तरह नियम विरुद्ध बांटी गयी है. याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता आलोक वागरेचा द्वारा दिए तर्को और प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने नर्सिंग कौंसिल की रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को तत्काल निलंबित करने के निर्देश शासन को दिए हैं.


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